भोपालः बापू की जयंती पर गांधी स्मारकों को बचाने का अभियान शुरू

Story by  सुरह नियाज़ी | Published by  [email protected] | Date 02-10-2021
भोपालः बापू की जयंती पर गांधी स्मारकांे को बचाने का अभियान शुरू
भोपालः बापू की जयंती पर गांधी स्मारकांे को बचाने का अभियान शुरू

 

सुरैह नयाजी  /भोपाल 
 
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भोपाल से खास लगाव रहा है. गांधीजी कई बार भोपाल आ चुके हैं और नवाब हमीदुल्ला खान के अतिथि रहे हैं. इसके अलावा भी यहां के कई स्थल बापू की यादांे से जुड़े हैं. राजधानी भोपाल के वे ऐतिहासिक स्थल जहां गांधीजी ठहरे थे, सरकार की असावधानी के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं.
 
अब सद्भावना मंच और जमीयत उलेमा चाहता है कि इसे संरक्षित किया जाए. इसको लेकर इनके संयुक्त तत्तवाधान में गांधी जयंती पर अभियान शुरू किया गया. इसके लिए लोग भोपाल के इकबाल मैदान में एकत्र हुए और गांधीजी को याद किया. इस दौरान वक्ताआंे ने देश की धर्मनिरपेक्ष परंपरा को बचाने के लिए गांधीजी की शिक्षाओं को घर-घर फैलाने का संकल्प लिया.
 
मध्य प्रदेश सद्भावना मंच के अध्यक्ष हाफिज मुहम्मद इस्माइल बेग का कहना है कि बाबा गांधी के नक्शेकदम पर चलने और उनकी सेवा करने का सौभाग्य भोपाल का है. गांधीजी 1929 में भोपाल आए और नवाब हमीदुल्ला खान के अतिथि बने. गांधीजी राहत मंजिल में रहे और भोपाल के बेनजीर मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया.
 
भोपाल के बेनजीर मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गांधीजी ने कहा था कि राम राज्य से मेरा मतलब ऐसी व्यवस्था से है जहां राम और रहीम में कोई अंतर नहीं है, लेकिन आज ऐसा नहीं हो रहा है. इसलिए हमें गांधीजी के विचारों को घर-घर ले जाने की जरूरत है, ताकि देश गांधी जी के विचारों पर चल सके.
 
जमीयत उलेमा भोपाल के मुखिया हाजी मोहम्मद इमरान का कहना है कि भोपाल के ऐतिहासिक स्थल जिन्हें फूलों की तरह सजाया जाना था, दुर्भाग्य से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं.पिछली सरकार ने भोपाल में गांधीजी के स्मारक को नहीं बचाया था. वर्तमान सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है.
 
यह ऐतिहासिक इकबाल मैदान, जहां गांधीजी टहलते थे, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. हम सरकार से मांग करते हैं कि भोपाल में गांधी जी से जुड़े स्मारक को बचाया जाए ताकि युवा पीढ़ी को गांधीजी के स्मारक से जोड़ा जा सके.