मलिक असर हाशमी / नई दिल्ली
अब बेहद चैकन्ना रहने की जरूरत है. कोरोना के नए मामले एक बार फिर न केवल 4 लाख के पार हो गए, इसकी तीसरी लहर आने के भी संकेत मिलने लगे हैं.एक मई के बाद कोरोना के नए मामलों की संख्या तेजी से घट रही थी. मगर पिछले दो दिनों से इसने फिर जोर पकड़ लिया. कल तीन लाख 87 हजार कोरोना के नए मामले आए थे.
आज पिछले चैबीस घंटे के नए मामलों का जो आंकड़ा सामने आया है, वह माथे पर चिंता की लकीर गहराने वाला है. पिछले चैबीस घंटे में 4.12 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए, जब कि मौतों की संख्या ने भी अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं. पिछले चैबीस घंटे में करीब चार हजार मौतें दर्ज की गईं हैं. यह आंकड़े गूगल एनलैटिक द्वारा जारी किए गए हैं.
जाहिर है, यह संकेत कुछ ठीक नहीं. उधर, भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने भी स्पष्ट कह दिया है कि कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है. कब तक आएगी, यह बताना मुश्किल है. मगर उन्होंने इसको लेकर बेहद चैकस रहने पर बल दिया है.
चिकित्सा वैज्ञानिकों ने संकेत दिए हैं कि तीसरी लहर, दूसरे से अधिक खतरनाक हो सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि दूसरी लहर, पहले से 15 प्रतिशत तेज है. ऐसे में समझा जा सकता है कि दूसरे के मुकाबले तीसरी लहर के जरिए कोरोना देश में कितनी तेजी से फैल सकता है. अभी तक के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत में कोरोना मामलों की संख्या दो करोड़ के पार कर गई है.
इस बीच, कोरोना की तीसरी लहर आने के संकेत मिलने के साथ चिकित्सा वैज्ञानिकों की भी तरह-तरह की सलाहें आने लगी है. इस मामले पर एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए चिकित्सा वैज्ञानिक डाक्टर संजय कुमार राय ने सुझाव दिया है कि आने वाले खतरे को देखते हुए फिलहाल वैक्सीनेशन का काम रोक देना चाहिए. इसमें लगे सारे लोगों को तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में लगा देना चाहिए.
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता नए मामलों की संख्या कम करना और मौतों की दर घटना है. वह कहते हैं कि तीसरी लहर से बचने के लिए देश को एक बार फिर पूर्ण लाकडान की जरूरत है.
डाक्टर संजय कुमार राय के विचार में अभी कम्युनिटी ट्रांसफर पर ध्यान देने की बजाए हमें मौतों और नए मामलों की संख्या रोकने पर जोर देना चाहिए. उन्होंने मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजेशन विशेष जोर देने के साथ वैक्सीनेशन रोकने का भी सुझाव दिया. उनका कहना है कि वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बावजूद शरीर में कोरोना से लड़ने की क्षमता डेढ महीने बाद पैदा होती है.
इसलिए लंबे दिनों की प्लानिंग करने बजाए अभी हमारा जोर तीसरी लहर को रोकने पर होना चाहिए. इसके साथ ही चिकित्सा वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए देशवासियों से बेजरूरत घर से बाहर नहीं निकलने और बाहरी लोगों से कम संपर्क में आने की सलाह दी है.