हिंदुस्तान में सलामत हैं ‘बेनजीर भुट्टो’

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 17-12-2021
‘बेनजीर भुट्टो’ की भूमिका में रेनू भाटिया
‘बेनजीर भुट्टो’ की भूमिका में रेनू भाटिया

 

राकेश चौरासिया / फरीदाबाद
 
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में हत्या कर दी गई थी. किंतु हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच तमाम तल्खियों के बीच उनकी कोशिशें ऐसी रहीं कि उनका किरदार कभी नहीं मर सकता.
 
इससे इतर, एक ‘बेनजीर भुट्टो’ हिंदुस्तान के फरीदाबाद शहर की हैं और आज भी हैं, जिन्होंने एक फिल्म में बेनजीर भुट्टो का किरदार निभाया. वे हूबहू बेनजीर भुट्टो लगती हैं. उनका नाम रेनू भाटिया है.
 
फिल्म में एक किरदार निभाने के बाद रेनू भाटिया का दूसरा नाम बेनजीर भुट्टो ही पड़ गया. उनके काम की तारीफ में कई शुभचिंतक उन्हें बेनजीर भुट्टो के नाम से भी बुलाने लगे.
 
 
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रेनू भाटिया 

 
रेनू भाटिया फरीदाबाद की पूर्व उप महापौर रह चुकी हैं और इस समय वे हरियाणा भाजपा की प्रवक्ता और हरियाणा महिला आयोग की सदस्य भी हैं.
 
करिअर के तौर पर रेनू भाटिया कला की दुनिया से बावस्ता रहीं. उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है और मॉडलिंग भी की है.
 
रेनू भाटिया मूलतः श्रीनगर की हैं और वे पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सहपाठी रही हैं. प्रारब्ध से, वे फरीदाबाद में स्व. ओम प्रकाश भाटिया से ब्याही गईं.
 
 
‘बेनजीर भुट्टो’ की भूमिका में रेनू भाटिया 

 
बेनजीर भुट्टो के किरदार के बारे में जिक्र करने पर रेनू भाटिया बताती हैं, ‘जिस दिन बेनजीर की हत्या हुई थी, उस दिन एक अनजान नंबर से फोन कॉल आने पर मुझे मालूम हुआ कि बेनजीर की हत्या हो गई है. कॉलर ने बोला कि तुम जल्द से बेनजीर की तरह अपना गेट आप बना लो, ताकि हम आपका एक शॉर्ट इंटरव्यू कर सकें.’
 
उन्होंने कहा, ‘अचानक यह समाचार सुनकर दुख हुआ. कई बार कुछ लोग कहते थे कि मैं बेनजीर की तरह दिखती हूं. इसलिए कुछ लोगों ने मीडिया में कहा होगा. इसीलिए शायद किसी ने मेरा नाम सुझा दिया होगा. इस तरह मुझे उनका किरदार निभाने का मौका मिला.’
 
रेनू भाटिया ने बताया, ‘उसके बाद, नोएडा से अमर उजाला की टीम सबसे पहले मेरा एड्रेस पूछते हुए मेरे घर पहुंची. अमर उजाला के मुख्य पृष्ठ पर बेनजीर की हत्या के साथ-साथ मेरी तस्वीर छपने पर कई मीडिया चैनलों ने मुझसे संपर्क किया.
 
फिर अचानक 1 सप्ताह बाद स्टार न्यूज जो आज एबीपी न्यूज है के एक मुख्य अधिकारी ने मुझसे संपर्क किया और मुझसे बेनजीर का किरदार करने की गुजारिश की.
मुझे लेकर वह 40 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने का जिक्र किया. उन्होंने मुझे बेनजीर से संबंधित कुछ लिटरेचर दिया. उनकी कुछ तस्वीरें दीं. और कहा कि 2 या 3 दिन में हम आपके साथ विभिन्न स्थानों पर इसकी शूटिंग करेंगे.
 
इस फिल्म को और बेहतर बनाने के लिए लाहौर जाने का भी विचार किया गया, परंतु वहां के माहौल को देखते हुए इस प्रोग्राम को ड्रॉप कर दिया गया. और फिर एनसीआर क्षेत्र में ही इसकी शूटिंग शुरू कर दी गई.’
 
 
‘बेनजीर भुट्टो’ की भूमिका में रेनू भाटिया  

 
निजी जीवन में बेनजीर से समानता के बारे में उन्होंने बताया, ‘इस डॉक्यूमेंट्री में कई किरदार थे. इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक विष्णु कुमार थे, जिनका कहना था कि मेरा निजी जीवन भी बेनजीर से मिलता है. बेनजीर का जन्मदिन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हुआ था और मेरा हिंदुस्तान वाले कश्मीर में. बेनजीर के भी 3बच्चे हैं, तो मुझे भी दो बेटी और एक बेटा है. मेरे पति भी बेनजीर के पति की तरह राजनीति से दूर थे.’
 
रेनू भाटिया कहती हैं कि कुल मिलाकर यह एक अच्छा अनुभव था, जिससे मुझे अपने राजनैतिक क्षेत्र में बहुत पॉपुलर होने का अवसर भी मिला.
 

‘बेनजीर भुट्टो’ की भूमिका में रेनू भाटिया   

 
उन्होंने बताया कि यह फिल्म 28 मुस्लिम देशों में चली और जियो टीवी ने इसमें भरपूर प्रचार किया. उन दिनों में पाकिस्तान के चुनाव भी थे. पाकिस्तान की खबरों में आया कि बेनजीर की हत्या एक साजिश थी और ऐसे में बेनजीर की पार्टी ने 16 सीटों की बढ़त ली थी.
 
एक और फिल्म, जो बन न पाई
इसके बाद भी रेनू भाटिया को एक और आफर मिला था, लेकिन वह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया. रेनू भाटिया ने बताया कि वर्षों बाद दूरदर्शन के डायरेक्टर ने बेनजीर और राजीव गांधी पर एक फिल्म बनाने की इच्छा जाहिर की थी. तैयारियां हाने वाली थीं, लेकिन पता चला कि राजनीतिक दृष्टिकोण से इस प्रोजेक्ट को अनुमति नहीं मिली. उस प्रोजेक्ट में भी मुझे बेनजीर के किरदार के लिए एसाइन किया जाने वाला था.