बारामूलाः इरफान, बिलाल और महमीत ने सेना की शाम-ए-सूफियाना में बांधा समां

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 29-11-2021
इरफान, बिलाल और महमीत ने शाम-ए-सूफियाना में बांधा समां
इरफान, बिलाल और महमीत ने शाम-ए-सूफियाना में बांधा समां

 

बारामूला. उत्तरी कश्मीर के बारामूला स्थित थिमैया हॉल में भारतीय सेना द्वारा रविवार को आयोजित शाम-ए-सूफियाना संगीत कार्यक्रम के लिए स्थानीय युवा बड़ी संख्या में आए.

कश्मीरी संगीत की शक्ति का जश्न मनाते हुए, दिन भर चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कश्मीरी तिकड़ी ‘आईबीएम’ (इरफान, बिलाल और महमीत) ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

दिन भर चलने वाले इस कार्यक्रम में बारामूला जिले के विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों से आमंत्रित कई युवा और नवोदित प्रतिभाओं की क्षमता का भी प्रदर्शन किया गया. इस अवसर पर बोलते हुए, जीओसी डैगर डिवीजन ने कलाकारों को उनकी अद्भुत प्रस्तुतियों के लिए बधाई दी.

जीओसी ने संगीतकारों को कश्मीरी संगीत की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने के लिए भी बधाई दी. इस कार्यक्रम में कलाकारों के हर प्रदर्शन पर व्यापक दर्शकों की प्रशंसा हुई.

स्थानीय युवा बड़ी संख्या में समारोह का हिस्सा बनने के लिए आए और भारतीय सेना द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की क्योंकि इस प्रकार के कार्यक्रम ‘आवाम’ और ‘जवान’ के बीच की खाई को पाटेंगे.

स्थानीय आरजे शाला मुनाजा ने कहा, ‘मैं इस कार्यक्रम का मेजबान था. दर्शकों ने इसका पूरा आनंद लिया. हम इस उत्सव के आयोजन के लिए अपनी भारतीय सेना के वास्तव में आभारी हैं. मैं प्रार्थना करता हूं कि इस तरह के आयोजन होते रहें.’

एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘आप जानते हैं कि कश्मीर की हवा में सूफी संस्कृति है. इसका उद्देश्य युवाओं को सकारात्मकता में लाना था क्योंकि युवा नशे की लत में शामिल हो रहे हैं.’

एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘मैं इस खूबसूरत शाम के आयोजन के लिए आरआर का शुक्रगुजार हूं. जब कलाकारों ने कार्यक्रम में प्रदर्शन किया, तो हमें पता चला कि घाटी प्रतिभा से कितनी समृद्ध है. हम घाटी के युवाओं को आगे आने और इस तरह के आयोजनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं.’