आवाज द वॉयस / नई दिल्ली
आल इंडिया मस्जिल-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन एआईएमआईएमसुप्रीमो एवं लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए सवाल उठाए कि अजमेर बम बलास्ट के आरोपी संगठन पर कब बंदिष लगेगी ?
ओवैसी ने अपने नपे-तुले बयान में कहा-मैंने हमेशा पीएफआई के दृष्टिकोण का विरोध और लोकतांत्रिक का समर्थन किया है.ओवैसी ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने पर एक बाद एक तीन ट्वीट किए. इस बयान में उन्हांेने मौजूदा स्थिति के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया. साथ ही उन्होंने अजमेर बम ब्लास्ट करने वाले संगठन को प्रतिबंधित नहीं किए जाने पर भी सवाल उठाए.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 28, 2022
उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा-पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है.‘‘एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा, हमें याद रखना चाहिए कि कांग्रेस ने यूएपीए को सख्त बनाने के लिए कानून में संशोधन किया. जब भाजपा ने इसे और अधिक कठोर बनाने के लिए कानून में संशोधन किया, तो कांग्रेस ने इसका समर्थन किया.’’
ओवैसी ने मथुरा में दलित लड़की की हत्या के मामले में पीएफआई की गतिविधि को आगे बढ़ाने के आरोप में गिरफ्तार किए पत्रकार केस कप्पन की बात भी उठाई. कप्पन पर आरोप है कि दलित लड़की की हत्या के बाद उपजी अव्यवस्था को और बढ़ाने में पीएफआई की अहम भूमिका रही थी.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 28, 2022
इस मामले में ओवैसी ने कहा- किसी भी कार्यकर्ता या पत्रकार को बेतरतीब ढंग से गिरफ्तार किया जाता है और जमानत पाने में 2साल लग जाते हैं.’उन्होंने अजमेर बम विस्फोट मामले को याद दिलाते हुए कहा-पीएफआई पर प्रतिबंध लग गया, लेकिन खाजा अजमेरी बम विस्फोटों के दोषियों से जुड़े संगठन पर क्यों नहीं ? उन्होंने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा-सरकार ने दक्षिणपंथी बहुसंख्यक संगठनों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाए ?