हिमाचल के ऊना जिले में बनेगा बांस गांव

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 07-11-2021
हिमाचल के ऊना जिले में बनेगा बांस गांव
हिमाचल के ऊना जिले में बनेगा बांस गांव

 

शिमला. हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत पुणे की कंपनी ‘बैंबू इंडिया’ की तकनीकी सहायता से 1.17 करोड़ रुपये की शुरूआती लागत से एक ‘बांस गांव’ बनाया जाएगा.

इस पहाड़ी राज्य में बांस के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गांव 24 कनाल (एक कनाल लगभग 0.125 एकड़) पर यह बौल गांव में तैयार किया जाएगा.

अधिकारियों ने कहा, बांस शिल्प में करियर कई कारीगरों को पहाड़ी राज्य में अपने सपनों को साकार करने में मदद करेगा क्योंकि राज्य सरकार ने ऊना जिले में पहला बांस गांव स्थापित करने का फैसला किया है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके दूरदराज के इलाकों में रहने की स्थिति में सुधार करना है.

राज्य के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा, परियोजना का उद्देश्य स्थानीय रूप से उपलब्ध बांस का उपयोग करके हाथ-पंखे, फर्नीचर, कूड़ेदान, चाय मग, दीवार पर लटकने, शो पीस, फूलदान आदि बनाने में कला में पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान करके बेरोजगार ग्रामीण युवाओं की आजीविका को बढ़ावा देना है, जो उनकी आय बढ़ाने में मदद करें.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगभग 500 ग्रामीणों / युवाओं को बांस आधारित हस्तशिल्प में मुफ्त प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेगी ताकि स्थानीय कारीगर बाजार की मांग के अनुसार अपनी रचनात्मकता को अनुकूलित कर सकें और अपने उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें.

राज्य सरकार ने ऑक्सीजन का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से लगाए जाने के लिए श्बीमा बांसश् नामक बांस के पेड़ों को ऑक्सीजन मुक्त करने वाली एक संकर प्रजाति को भी शॉर्टलिस्ट किया है. उसी गांव में लगभग 40 लाख रुपये की अनुमानित लागत से बीम बांस के साथ एक ‘ऑक्सीजन पार्क’ स्थापित किया जाएगा.

एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने पुणे स्थित कंपनी से संपर्क किया है, जिसके पास तकनीकी सहायता के लिए समृद्ध अनुभव है और पहले से ही भारत के कई हिस्सों में ऑक्सीजन पार्क स्थापित करने में लगी हुई है.

राज्य सरकार ने साल भर कच्चा माल प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर बांस के रोपण की योजना बनाई है. राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत स्थानीय किसानों को बांस के बीज मुफ्त दिए जाएंगे, जबकि बांस को खुली और बंजर भूमि पर लगाया जाएगा.