मुसलमानों का जीवन स्तर गिरा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
बुरी खबरः मुसलमानों का जीवन स्तर गिरा
बुरी खबरः मुसलमानों का जीवन स्तर गिरा

 

मोहम्मद हुसैन अहमद /नई दिल्ली
 
 एक रिपोर्ट ने मुसलमानों के संदर्भ में बेहद चिंता बढ़ाने वाली जानकारी दी है.बताया गया कि 2014 से 2019 तक मुसलमानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती गई. देश में 2014-2019 की अवधि के दौरान एयर कंडीशन, कार, कंप्यूटर, फ्रिज और टीवी के उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि हुई, जबकि इन सुविधाओं के मुस्लिम उपयोगकर्ताओं की संख्या में कमी आई है.2014 में इन सुविधाओं का उपयोग करने वाले मुसलमान उनकी आबादी का 2 प्रतिशत थे, जबकि 2019 में यह प्रतिशत आधा होकर 1 प्रतिशत हो गया है.
 
 
लोकनीति द्वारा शुरू किए गए एक सर्वेक्षण के दौरान ये तथ्य सामने आए. सर्वेक्षण के अनुसार, 2014 में इन सुविधाओं के उपयोगकर्ता कुल जनसंख्या का 2 प्रतिशत थे, जो 2019 में बढ़कर 3 प्रतिशत हो गए हैं.
 
2014 में, 73 प्रतिशत आबादी के घरों में टीवी था, जबकि 2019 में प्रतिशत बढ़कर 75 प्रतिशत हो गया. ‘सियासत’ की एक रिपोर्ट में कहा गया, 2014 में, 29 प्रतिशत घरों में फ्रिज था, जबकि 2019 में प्रतिशत बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया.
 
2014 में, 19 प्रतिशत घरों में कंप्यूटर या लैपटॉप था. 2019 में यह प्रतिशत बढ़कर 26 प्रतिशत हो गया.2014 में, 8 प्रतिशत घरों में कार थी, जबकि 2019 में यह प्रतिशत बढ़कर 11 प्रतिशत हो गया. इसी तरह, 2014 - 2019 के दौरान वातानुकूलित उपयोगकर्ता दोगुने हो गए हैं क्योंकि 2014 में यह प्रतिशत 4 था जबकि 2019 में यह बढ़कर 8 हो गया है.
 
2014 में, इन सभी सुविधाओं का 11 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध था, जबकि 2019 में यह प्रतिशत बढ़कर 13 हो गया है.तेलंगाना में, केवल 5 प्रतिशत आबादी के पास कंप्यूटर, एयर कंडीशनर, टीवी और फ्रिज है. इन सभी सुविधाओं के इस्तेमाल के मामले में दिल्ली देश में अव्वल है.
 
2014 में, 2 प्रतिशत मुस्लिम परिवारों के पास ये सभी सुविधाएं थीं, जबकि 2019 में यह प्रतिशत घटकर 1 रह गया है.2014 में, उच्च जाति के हिंदुओं के 4 प्रतिशत के पास ये सभी सुविधाएं थीं, जबकि 2019 में उनका प्रतिशत बढ़कर 7 प्रतिशत हो गया है.
 
इसी तरह, 2014 में इन सभी सुविधाओं का उपयोग करने वाले हिंदू परिवारों का प्रतिशत जनसंख्या का 2 प्रतिशत था, जबकि 2019 में उनका प्रतिशत बढ़कर 3 प्रतिशत हो गया.जहां तक ​​ईसाई समुदाय का सवाल है, 2014 में उनके 5 फीसदी घरों में ये सभी सुविधाएं थीं, जबकि 2019 में यह बढ़कर 6 फीसदी हो गई है.
 
तकरीबन पिछले दो वर्षों से देश पर कोरोना का प्रकोप छाया हुआ है. ऐसे में छोटे कामगार लंबे समय से घर बैठे हुए हैं. मुसलमान छोटे कामगार अधिक हैं, इसलिए माना जा रहा है कि पिछले दो वर्षों में उपरोक्त वस्तुआंें के इस्तेमाल में मुसलमानों का प्रतिशत और गिरा होगा.