आजम खान फिर मुश्किल में, ईडी ने भर्ती घोटाले में दर्ज किया एक और केस

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-06-2022
आजम खान
आजम खान

 

नई दिल्ली-लखनऊ. करीब 27 महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए पूर्व मंत्री और रामपुर विधायक मो. आजम खान की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसके खिलाफ एक और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. ईडी ने भर्ती घोटाले की जांच शुरू करते हुए कई बिंदुओं पर जल निगम से जानकारी मांगी है.

ईडी के लखनऊ अंचल कार्यालय ने जल निगम भर्ती घोटाले से जुड़ा यह नया मामला राज्य पुलिस के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) के आरोपपत्र के आधार पर दर्ज किया है. यह मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है. एसआईटी की चार्जशीट में आजम और जल निगम के तत्कालीन एमडी समेत कुछ अन्य अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है.

आजम खान उस शहरी विकास मंत्री के साथ-साथ जल निगम के अध्यक्ष भी थे. भर्ती से जुड़े मामले में उन्होंने जल निगम के अध्यक्ष पद की स्वीकृति दी थी. हालांकि एसआईटी के सामने दर्ज बयान में उन्होंने गड़बड़ी के लिए तत्कालीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था. इसके बावजूद एसआईटी ने भर्ती घोटाले में उसकी संलिप्तता मानकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. एसआईटी ने जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके असुदानी को भी दोषी ठहराया था.

जल निगम सूत्रों के मुताबिक ईडी ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान जल निगम में प्रमुख पदों पर तैनात अधिकारियों की जानकारी मांगी है. यह भर्ती घोटाला साल 2016 में सपा शासन के दौरान सामने आया था. उस समय जल निगम में सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता और लिपिक के 1342 पदों की भर्ती में व्यापक गड़बड़ी का आरोप था. बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी. एसआईटी की खुली जांच में दोषी पाए जाने के बाद सरकार ने आजम खान व अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच को मंजूरी दी थी. जांच के बाद एसआईटी ने सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.

जौहर यूनिवर्सिटी 

ईडी पहले से ही रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय, हथियार संपत्तियों और सरकारी जमीन के अवैध कब्जे की जांच कर रही है. इन मामलों में आजम के खिलाफ साल 2019 में ही केस दर्ज किया गया था. ईडी की टीम ने रामपुर जाकर जौहर यूनिवर्सिटी के अधिकारियों और जमीन हड़पने वाले किसानों के बयान दर्ज किए हैं. पुलिस ने जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जे से संबंधित मामले दर्ज किए थे.