असमः डीजीपी इस्लामिक संगठनों से मिलकर बोले-बिना आपकी मदद के आतंकी मॉड्यूल तोड़ना असंभव

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-09-2022
असमः डीजीपी इस्लामिक संगठनों से मिलकर बोले-बिना आपकी मदद के आतंकी मॉड्यूल तोड़ना असंभव
असमः डीजीपी इस्लामिक संगठनों से मिलकर बोले-बिना आपकी मदद के आतंकी मॉड्यूल तोड़ना असंभव

 

आवाज द वॉयस /गुवाहाटी

आतंकवादियों के कथित ठिकाने के रूप में चिन्हित किए जाने पर तीन मदरसों को ध्वस्त करने से उपजे विवाद के दौरान असम के पुलिस महानिदेशक ने इस्लामिक विद्वानांे से मदद मांगी है.

आतंकवादी समूहों अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के साथ कथित संबंधों रखने के आरोप में अब तक असम पुलिस ने कम से कम 38 लोगों को गिरफ्तार किया है.
 
बीच, पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने रविवार को राज्य भर के विभिन्न इस्लामिक संगठनों से मुलाकात की और ऐसे आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने में सहयोग मांगा.
 
उन्होंने बाद में पत्रकारों को बताया कि वे राज्य भर के इस्लामी संगठनों से मिले. उनके बिना सहयोग के असम में अल-कायदा और एबीटी मॉड्यूल का भंडाफोड़ संभव नहीं है.
 
उन्होंने कहा, हमने उनसे समर्थन और सहयोग देने का आग्रह किया. उन्होंने हमें अपने समर्थन का आश्वासन भी दिया.महंत ने बताया कि ऐसी खबरें हैं कि कुछ आतंकवादी धार्मिक शिक्षकों के वेश में राज्य में घुस आए हैं और चुपचाप अपनी विध्वंसक और राज्य विरोधी गतिविधियों में आगे बढ़ा रहे हैं.
 
उसके आधार पर राज्य पुलिस ने एक्यूआईएस-एबीटी से जुड़े 38 लोगों को गिरफ्तार किया है.नवीनतम गिरफ्तारी बुधवार रात को हुई जब अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े अजमल हुसैन नाम के एक व्यक्ति को राजधानी गुवाहाटी से पकड़ा गया.
 
हालांकि अब तक असम पुलिस यह नहीं बता जाई कि पकड़े गए लोग किस तरह के देश विरोधी गतिविधियांे में शामिल थे और उनकी वजह से असम या देश में क्या कुछ हुआ ?
 
इस बीच, असम में अधिकारियों ने तीन अलग-अलग जिलों में तीन मदरसों को इस आरोप के बाद ध्वस्त कर दिया. कहा कि उनके परिसरों का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था.
 
इसके अलावा उन्हें संरचनात्मक रूप से कमजोर और मानव निवास के लिए असुरक्षित पाया गया.इस मुददे को लेकर ही विवाद हो गया है और अदालत में साबित हुुए बगैर मदरसों को ढहाने की जमकर आलोचना हो रही है.
 
इससे पहले, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कुछ मदरसा प्रबंधन संस्था नहीं आतंकवादी केंद्र चला रहे थे.सरमा ने कहा, मैं सामान्यीकरण नहीं करना चाहता, लेकिन जब कट्टरवाद की शिकायत आती है तो हम जांच करते हैं और उचित कार्रवाई करते है.
 
हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सरमा ने कहा कि छह बांग्लादेशी नागरिक जो अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) , अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप
(एक्यूआईएस) के सदस्य हैं, ने 2016-17 में असम में प्रवेश किया. राज्य पुलिस उनमें से एक को गिरफ्तार करने में कामयाब रही.
 
पांच अभी भी फरार हैं.बेहतर निगरानी के लिए, असम के मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य में आने वाले इस्लामी शिक्षकों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और इसके अलावा राज्य एक पोर्टल विकसित कर रहा है, जहां उनका विवरण दर्ज किया जाएगा.
 
सरमा ने संवाददाताओं से कहा, हमने मानक संचालन प्रक्रियाएं निर्धारित की हैं. स्थानीय लोगों को पुलिस को सूचित करना चाहिए कि क्या कोई धार्मिक शिक्षक (इमाम) राज्य से बाहर आता है और उन्हें पता नहीं है.
 
उन्होंने कहा, पुलिस व्यक्ति का सत्यापन करेगी और फिर वह मदरसों में अपनी धार्मिक शिक्षा दे सकता है.उन्होंने कहा कि असम के मुसलमान इस प्रक्रिया में सरकार का सहयोग कर रहे हैं.
 
असम में वर्तमान में कोई भी सरकारी मदरसा नहीं है. उन्हें हाल ही में नियमित स्कूलों में बदल दिया गया है.हालांकि, व्यक्तिगत या निजी तौर पर संचालित मदरसे मौजूद हैं. एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने मदरसे के खिलाफ कार्रवाई को मुस्लिम बच्चांे की शिक्षा के खिलाफ षड़यंत्र बताया है.