असम: मदरसा गिराने के खिलाफ कार्रवाई की मांग

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
असम: मदरसा गिराने के खिलाफ कार्रवाई की मांग
असम: मदरसा गिराने के खिलाफ कार्रवाई की मांग

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

सांसद अब्दुल खालिक के नेतृत्व में असम के एक प्रतिनिधिमंडल ने बोंगाईगांव जिले में मदरसे तोड़े जाने को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा से मुलाकात की. इस मामले में उनके हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई.

प्रतिनिधिमंडल उनके कार्यालय में मिला और इस संबंध मेंएक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में राज्य सरकार की कार्रवाई को “कानून के शासन की घोर अवहेलना” करार दिया गया.प्रतिनिधिमंडल की ओर से कहा गया,

बोंगईगांव जिले में मरकजुल मा-आरिफ क्वारियाना मदरसा 31अगस्त को जिला प्रशासन के आदेश पर जमीदोज कर दिया गया. मदरसे के बारे में कहा गया कि इसके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं थे. इसकीे संरचना भी कमजोर बताई गई .

सांसद ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि छात्रों को परिसर खाली करने का भी मौका नहीं दिया गया. जबकि मदरसे में पढ़ने वाले अधिकांष बच्चे नाबालिग थे.छात्रों को आधी रात में परिसर खाली करने को कहा गया .

उनके सिर पर कोई आश्रय नहीं था. उनमें से ज्यादातर दूर-दराज इलाकों के थे. यह नाबालिग छात्रों के प्रति अमानवीय कृत्य है. यह एक गैरकानूनी कार्रवाई भी है. प्रषासन का आरोप है कि उक्त मदरसे सें आतंकी गतिविधियां संचालित होती थीं. लेकिन एजेंसियों द्वारा तलाशी के दौरान परिसर में कोई भी आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिला.

इस मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर हमला करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने कहा, सीएम ने मदरसे को आतंकवादी केंद्र करार दिया. यदि उक्त परिसर आतंकवादियों का गढ़ होता, तो एजेंसियों को दस्तावेज और आतंकवादी समूहों से जुड़े और लोगों को ढूंढने चाहिए थे. लेकिन उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला. किसी भी व्यक्ति के आतंकी संगठनों से संबंध होने के मामले में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता है.”

इस मामले में, कानून का उल्लंघन किया गया. सुरक्षा की आड़ में इमारत को गिरा दिया गया. अगस्त में दो और मदरसों, बारपेटा और मोरीगांव जिलों में ध्वस्त किए गए थे.इस बीच, खलीक ने कहा, एनसीएम अध्यक्ष ने हमें आश्वासन दिया कि वह तीन सप्ताह के भीतर याचिका पर स्पष्टीकरण के लिए असम के मुख्य सचिव को लिखेंगे.