असम के गरीबों का सहारा है अल अमीन पब्लिक वेलफेयर सोसायटी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 30-05-2022
असमः गरीबों के लिए है अल-अमीन पब्लिक वेलफेयर सोसायटी
असमः गरीबों के लिए है अल-अमीन पब्लिक वेलफेयर सोसायटी

 

मुन्नी बेगम / गुवाहाटी

गुवाहाटी में अल-अमीन पब्लिक वेलफेयर सोसायटी अग्रणी स्वैच्छिक संगठनों में से एक है, जो गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए काम कर रही है. समाज के पिछड़े युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में भी इस संस्था ने सराहनीय कदम उठाया है. समाज के समग्र विकास और उत्थान के लिए पिछले दो दशकों से अथक प्रयास कर रहे स्वयंसेवी संगठन ने विभिन्न परोपकारी और सुधार पहलों के माध्यम से समाज में सकारात्मक संदेश दिया है.

आवाज-द-वॉयस के साथ एक साक्षात्कार में, अल-अमीन पब्लिक वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष चफीउर रहमान शाकिया ने कहा, ‘‘अल-अमीन जनकल्याण समाज का गठन वर्ष 2003 में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था. अब जो छात्रों को उनकी योग्यता के आधार पर तरक्की उपलब्ध कराती है.’’

नामनी असम में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें अभी भी शिक्षा और चिकित्सा देखभाल के लिए पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है. मंगलदाई, दरंग, बारपेटा, बंगाईगांव, शोनीतपुर और गुवाहाटी के कई इलाकों में अभी भी पर्याप्त शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं. अल-अमीन जनकल्याण समाज ने असम में ऐसे क्षेत्रों की तलाश शुरू कर दी है और आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने की व्यवस्था कर रहा है.

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इस संबंध में, चफीउर रहमान शाकिया कहते हैं, ‘‘कुछ उद्यमी और सामाजिक रूप से जागरूक व्यक्ति अब्दुल ओवेची, स्वर्गीय अब्दुल मजीद, कमरुज्जमां अहमद, मोहम्मद अब्दुल हरमैन, डॉ तौफीकुर रहमान बारबरा, प्रयात चफीउल्लाह रहनीर हैं, जो मदद कर रहे हैं.’’

दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह असम में भी महामारी के प्रकोप ने सभी गतिविधियों को ठप कर दिया था. नतीजतन, कई लोगों को वित्तीय और खाद्य संकट का सामना करना पड़ा.

इस समय के दौरान, अल-अमीन जनकल्याण समाज ने उन रोगियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जो आर्थिक रूप से बीमार थे और बीमारियों से पीड़ित थे. चफीउर रहमान शाकिया कहते हैं, ‘‘हम गरीब लोगों को चावल, सोआ, चीनी, आलू और अन्य दैनिक आवश्यकताएं प्रदान कर रहे हैं. जून-जुलाई 2019 में आई विनाशकारी बाढ़ ने कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया है. असम, लोगों के बीच एक अवर्णनीय स्थिति पैदा कर रहा है. संस्था ने शिंगरीजन में 48 परिवारों को खाद्य सामग्री बांटी.’’

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उन्होंने दोहराया कि अल-अमीन जनकल्याण समाज जकात और दान से जटिल रोगों से पीड़ित रोगियों की मदद करते हैं. इसके अलावा, अल-अमीन पब्लिक वेलफेयर सोसाइटी ने गाँव के पिछड़े क्षेत्रों में निराश्रित लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए कई पहल की हैं.

देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी महिला को बकरी पालन का प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वह आत्मनिर्भर हो सके. बकरियों का वितरण किया गया है. इसने कई परिवारों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है.

शाकिया के अनुसार, अल-अमीन ने 2013 में लोक कल्याणकारी समाज में असम के खिलंगिया मुसलमानों की पहचान और इतिहास के संदर्भ में पांच दिशाओं में किताबें प्रकाशित करने की दिशा में एक कदम उठाया है. इस लेख या अनुभाग को ऐसे स्रोतों या संदर्भों की आवश्यकता है, जो विश्वसनीय, तृतीय-पक्ष प्रकाशनों में दिखाई देते हैं.

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भविष्य के लिए अपनी योजनाओं को व्यक्त करते हुए, शाकिया ने कहा कि अल-अमीन जनकल्याण समाज भविष्य के रोजगार का मार्ग प्रशस्त करने के लिए युवाओं को चिलाई प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना लेकर आया है. उन्होंने आगे कहा कि असम आंदोलन के दौरान, डोखर में एक कब्रिस्तान बनाने के लिए विचार तैयार किया जा रहा था, जहां नेल्ली की हत्या हुई थी.

शाकिया का कहना है कि अल-अमीन जनकल्याण समाज ने 4 अगस्त 2019 को एक आम सभा में हाई स्कूल और उच्च शिक्षा की परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 13 मेधावी छात्रों का स्वागत किया.

इसके अलावा, अल-अमीन जनकल्याण ने 61 मेधावी छात्रों के बीच छात्रवृत्ति का वितरण किया. साथ ही 6 कैंसर रोगियों को एकमुश्त आर्थि कसहायता प्रदान की गई.

उसी वर्ष गांधी जयंती के अवसर पर गुवाहाटी के महेंद्र मोहन चौधरी अस्पताल में अल-अमीन जनकल्याण समाज ने 350 रोगियों के बीच फल वितरित किए. हजोर बुदबट के एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल स्कूल में बुजुर्गों में मोतियाबिंद के इलाज के लिए एक परीक्षण शिविर आयोजित किया गया. यह सर्जरी शंकरदेव नेत्रालय के डॉक्टरों की एक टीम द्वारा की गई थी.