असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा ऐलानः राजस्थान में एआईएमआईएम लड़ेगी चुनाव

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 16-11-2021
असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा ऐलान
असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा ऐलान

 

आवाज द वाॅयस / जयपुर

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023लड़ेगी. इस बात की घोषणा खुद असदुद्दीन ओवैसी ने जयपुर में की. ओवैसी ने हाल में जयपुर का दौरा किया था. तभी से कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी पार्टी राजस्थान में चुनाव लड़ सकती है.

जल्द संगठन की घोषणा

असदुद्दीन ओवैसी राज्य में पार्टी की जिम्मेदारियों को लेकर कई लोगों से गुपचुप तरीके से मिल चुके हैं. उन्होंने कहा कि वह राजस्थान में चुनाव लड़ेंगे. उनकी पार्टी अगले डेढ़ महीने में राजस्थान में पार्टी संगठन के बारे में घोषणा करेगी कि किसे जिम्मेदारी दी जा रही है.

ओवैसी करेंगे राजस्थान का दौरा

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से पूरे राजस्थान का दौरा करूंगा. उसके बाद हमारी पार्टी 2023में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. मेरा या मेरी पार्टी का बीजेपी की बी टीम कहलाना गलत है, ऐसे कई उदाहरण हैं जहां हम चुनाव नहीं लड़ रहे थे और ऐसे राजनीतिक दल बहुत बुरे तरीके से चुनाव हार गए, जो कहते हैं कि उन्हें हमारा चुनाव लड़ना चाहिए.

मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की आवाज को मजबूत करने के लिए अगर आज हम चुनाव लड़ें तो इसमें गलत क्या है. यह हमारा संवैधानिक अधिकार है.

क्यों भड़के असदुद्दीन ओवैसी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में चंद्रगुप्त मौर्य को लेकर बवाल शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इतिहासकारों पर चंद्रगुप्त मौर्य को महान नहीं बल्कि उनसे हारने वाले सिकंदर को महान कहने का आरोप लगाया.

योगी के इस बयान के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ पर पलटवार किया है. ओवैसी ने फर्जी इतिहास की फैक्ट्री बताया. योगी ने कहा कि इतिहास को कैसे विकृत किया जाता है, हमारा इतिहास चंद्रगुप्त मौर्य को महान नहीं मानता, महान किसने कहा ? जो उनसे युद्ध हार गया था.

उन्हें सिकंदर महान कहा जाता है. देश के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात हुआ है, फिर भी इतिहासकार चुप हैं, क्योंकि अगर सच सामने आया तो समाज फिर से उठ खड़ा होगा. चंद्रगुप्त और सिकंदर कभी नहीं लड़े. उनके बीच कोई युद्ध नहीं हुआ.