कानपुर. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एनकाउंटर में मारे जा चुके गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सहयोगियों को आश्रय और वित्तीय सहायता प्रदान करने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया है. उन पर विकास के गांव बिकरू से एक सेमी-ऑटोमेटिक हथियार के निपटान का भी आरोप लगाया गया है जहां दुबे और उसके गुर्गो ने पिछले साल 3 जुलाई को एक डीएसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी.
सोमवार को कानपुर में ये गिरफ्तारियां हुईं. महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश ने कहा कि मध्य प्रदेश के भिंड का रहने वाला, जिसने गिरोह से सेमी-ऑटोमेटिक 30 स्प्रिंगफील्ड अमेरिकी राइफल खरीदी थी, को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. एसटीएफ ने भारी मात्रा में हथियारों और गोला-बारूद भी बरामद की, जिसमें एक सेमी-ऑटोमेटिक 30 स्प्रिंगफील्ड अमेरिकन राइफल, एक स्वचालित कार्बाइन, एक रिवाल्वर, एक सिंगल बैरल बंदूक और दो देसी कट्टे, एके-47 सहित 7.62, 30.06, 12, .38 और 315 बोर की बंदूक शामिल है.
इसके अलावा, 30.06 कारतूस के चार्जर क्लिप और विकास से संबंधित एक एप्पल फोन, उसके सहयोगी अमर दुबे और प्रभात मिश्रा से संबंधित सात एंड्रॉइड फोन, एक ओमनी कार सहित दो चार पहिया वाहन, पैन और आधार कार्ड और 2.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं. आईजी ने कहा, "गिरफ्तार किए गए लोगों में विष्णु कश्यप, अमन शुक्ला, राम जी, अभिनव तिवारी, संजय परिहार और शुभम पाल, (कानपुर देहात के सभी मूल निवासी) और मध्य प्रदेश के भिंड जिले का रहने वाला मनीष यादव शामिल हैं।.
उन्हें तब गिरफ्तार किया गया था जब वे बाकी हथियारों और गोला बारूद को ठिकाने लगाने की योजना बना रहे थे. कानपुर देहात के शिवली निवासी विष्णु कश्यप और मारे गए अपराधी प्रभात मिश्रा बचपन के दोस्त थे. विष्णु ने आश्रय प्रदान करने और विकास को भगाने में मदद करने में अहम भूमिका निभाई.
आईजी ने कहा, "उसने अपने दोस्त छोटू से एक स्विफ्ट डिजायर कार उधार ली थी और इसका इस्तेमाल विकास, उसके भतीजे अमर और प्रभात को अपने बहनोई रामजी के घर तुलसी नगर में भेजने के लिए किया, जहां वे बेसमेंट में रहे थे. वे अपने साथ कई हथियार और गोला बारूद भी ले गए थे।" 3 जुलाई को, रामजी, अमर दुबे को अपनी मोटरसाइकिल पर रसूलाबाद से करियाझाला गांव के संजय परिहार के बाग में ले गया.
अधिकारी ने कहा कि वहां अमर दुबे ने पुत्तू मिश्रा को एक सुरक्षित ठिकाने की व्यवस्था करने के लिए कहा, जिसके बाद उसने पंप हाउस में रहने की व्यवस्था की. अमर के साथ बाद में उसके चाचा विकास और प्रभात मिश्रा रहने आ गए. हालांकि, जगह असुरक्षित होने पर विकास ने पुत्तू से फिर सुरक्षित ठिकाने का बंदोबस्त करने के लिए कहा था.
मंगलपुर के शिवम पाल ने विकास के लिए एक कमरे की व्यवस्था की थी, जहां वह दो दिन ठहरा था. आईजी ने कहा कि शिवम ने बिकरू हत्याकांड मामले में नवीनतम अपडेट के लिए अखबार और टीवी के अलावा गैंगस्टर के लिए स्नैक्स, लंच और डिनर की भी व्यवस्था की थी. दो दिन वहां रहने के बाद, शुभम पाल ने एक ओमनी कार की व्यवस्था की थी और विकास, अमर और प्रभात औरैया पहुंचा दिया और जहां से बाद में तीनों दिल्ली भाग गए.
एसटीएफ की टीम को सोमवार को भौती पनरी पांजव अंरपास के पास अपराधियों की बैठक के बारे में विशेष जानकारी मिली थी, जहां उन्हें शेष हथियारों और गोला बारूद का निपटान करना था. आईजी ने कहा कि एसटीएफ ने उन्हें हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.