आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में टारगेट किलिंग का दौर तेज हो गया है. सुरक्षाकर्मियों ने भी आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है. इस बीच राजपुताना राइफल्स के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा है कि जब लोग विदेश जाते हैं तो एयरपोर्ट पर भारी चेकिंग होती है.
पश्चिमी देशों में किसी को ‘पाकी‘ यानी पाकिस्तानी कहना गाली-गलौज है. क्या आप ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं? जब कोई आपको कश्मीरी कहे तो क्या आप बुरा महसूस करना चाहते हैं ?
न्यूज 18 की एक खबर के अनुसार, केजीएस ढिल्लों ने कहा कि कश्मीर में सबसे बड़ी हार उन माताओं की है जिनके बच्चों को मदरसों में धकेला जा रहा है. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर में कौन हार रहा है? हमारी कश्मीरी मांएं, जिनके बच्चों को मदरसों में धकेला जा रहा है.
फिर ये बच्चे मर जाते हैं, चाहे एक दिन में हो या एक साल में. 90 के दशक के बाद उभरी व्यवस्था में मां के बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है, लेकिन एक मुठभेड़ में उसकी मौत हो जाती है. उन्होंने हाल ही में लक्षित हत्याओं पर कहा कि कश्मीर में बहुसंख्यक इस समय चुप क्यों हैं? जब एक आतंकवादी मारा जाता है तो हंगामा क्यों ?
लक्षित हत्याओं के खिलाफ नई नीति
कश्मीर में टारगेट किलिंग को लेकर आईबी, एनआईए और सुरक्षाकर्मियों की एक टीम ने खास रणनीति बनाई है. इसके तहत सुरक्षाकर्मियों को खुफिया जानकारी जुटाने और आधुनिक हथियारों से लैस करने के विशेष आदेश जारी किए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक हर आतंकी और उसके सभी संभावित साथियों पर आमने-सामने की छापेमारी की जा रही है.