सीएए विरोधी भाषणः कफील खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 27-08-2021
कफील खान
कफील खान

 

आवाज द वाॅयस / इलाहाबाद

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बाल रोग विशेषज्ञ कफील खान के खिलाफ सरकार से आवश्यक मंजूरी की कमी के कारण अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उनके द्वारा दिए गए सीएए विरोधी भाषण पर आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया.

न्यायमूर्ति गौतम चैधरी की एकल पीठ ने खान के खिलाफ पारित आरोप पत्र और संज्ञान आदेश को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 (ए) के तहत केंद्र और राज्य सरकार से जिला मजिस्ट्रेट द्वारा आवश्यक मंजूरी नहीं ली गई थी.

हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अनिवार्य मंजूरी दिए जाने के बाद चार्जशीट और इसका संज्ञान अदालत द्वारा लिया जा सकता है.अलीगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) द्वारा खान के खिलाफ आरोप पत्र और संज्ञान आदेश पारित किया गया था. खान ने 2019में एएमयू में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर एक भड़काऊ भाषण दिया था.

घटना के बाद, खान के खिलाफ धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153बी (आरोप, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक दावे), 505 (2) (बयान बनाना या बढ़ावा देना, शत्रुता, घृणा या दुर्भावना के तहत) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

नतीजतन, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने 16 मार्च, 2020 को अलीगढ़ अदालत के समक्ष आरोप पत्र प्रस्तुत किया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 28जुलाई, 2020को इसका संज्ञान लिया. इसके बाद खान ने इसे चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की.

सीआरपीसी की धारा 196 (ए) के अनुसार, केंद्र सरकार या राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी के बिना, कोई भी अदालत आईपीसी की धारा 153ए के तहत किसी भी अपराध का संज्ञान नहीं लेगी.

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए, डॉ कफील खान ने कहा, ‘‘यह भारत के लोगों के लिए एक बड़ी जीत है और न्यायपालिका में हमारे विश्वास को बहाल करता है.‘‘उन्होंने कहा, ‘‘माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इस फैसले से योगी आदित्यनाथ सरकार की उत्तर प्रदेश के लोगों के प्रति निष्ठुरता पूरी तरह से उजागर हो गई है.‘‘

हम उम्मीद करते हैं कि यह बहादुर निर्णय भारत भर की जेलों में बंद सभी लोकतंत्र समर्थक नागरिकों और कार्यकर्ताओं को आशा देगा. .