आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
केंद्र सरकार के एक वैधानिक निकाय, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने पेटा इंडिया की एक याचिका पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ईद-उल-उल-अधा के दौरान जानवरों के साथ क्रूर व्यवहार रोकने के लिए नोटिस जारी किया है.
अपनी सिफारिश में बोर्ड ने कहा कि ईद के दौरान परिवहन पशु नियम, 1978 के कई उल्लंघन का मामला सामने आता रहा है. वाहन में ले जाने वाले जानवरों की संख्या सीमित नहीं रहती. कई बार ईद के दौरान जानवरों को ले जाने में इसका पालन नहीं किया जाता.
नोटिस में जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम (स्लॉटर हाउस) नियम, 2001 का भी उल्लेख है, जो इंगित करता है कि किसी भी व्यक्ति को नगरपालिका क्षेत्र के अंदर किसी भी जानवर का वध नहीं करना चाहिए, सिवाय कानून द्वारा अधिकृत, स्वीकृत या अनुमोदित बूचड़खाने को छोड़कर. इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के नियम तहत ऊंटों की कुर्बानी नहीं की जानी चाहिए.
पेटा इंडिया एडवोकेसी एसोसिएट, फरहत उल ऐन ने कहा, सभी धर्म करुणा को प्रोत्साहित करते हैं, और पशु संरक्षण कानून का पालन करना हर किसी का नागरिक दायित्व है.पेटा इंडिया ने अपील की है कि ईद की खुशियां जानवरों को ध्यान में रखकर मनाई जाए.
उन्होंने कहा कि मेरी तरह, पेटा इंडिया के कई मुस्लिम अनुयायी नकद, कपड़े, शाकाहारी भोजन या अन्य सामान दानकर बगैर कुर्बानी किए ईद मनाते है.पेटा इंडिया ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 28 को हटाने के लिए पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी के पुरुषोत्तम रूपाला से अपील की है.