अंडमानः रेप के आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण निलंबित

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 17-10-2022
अंडमानः रेप के आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण निलंबित
अंडमानः रेप के आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण निलंबित

 

नई दिल्ली. गृह मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने सोमवार को तत्काल प्रभाव से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बलात्कार के आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. दो सेवारत नौकरशाह जितेंद्र नारायण और आरएल ऋषि अंडोमान और निकोबार द्वीप समूह में श्रम आयुक्त के रूप में तैनात हैं. उन पर पोर्ट ब्लेयर में एक 21 वर्षीय महिला द्वारा यौन उत्पीड़न और सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया गया है.

गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सरकार अपने अधिकारियों द्वारा अनुशासनहीनता के कृत्यों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की कार्रवाई करती है, चाहे उनकी रैंक और स्थिति कुछ भी हो, विशेष रूप से महिलाओं की गरिमा से जुड़ी घटनाओं के संबंध में सहिष्णुता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

रविवार को, अंडमान और निकोबार पुलिस को नारायण द्वारा एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न के बारे में एक रिपोर्ट मिली, तब वह प्रायद्वीप के मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के महानिदेशक को महिला की शिकायत के जवाब में, 1 अक्टूबर को पोर्ट ब्लेयर के एबरडीन पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई और पुलिस ने उसके आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है.

एसआईटी का नेतृत्व एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं और महिला को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है. नारायण वर्तमान में दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. नई दिल्ली में संपर्क किए जाने पर नारायण ने कहा कि वह बेतुके आरोपों पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे. उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने आरोपों से इनकार करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह सचिव को एक ‘विस्तृत प्रतिनिधित्व’ भेजा है.

महिला की शिकायत में अप्रैल और मई की रात में दो मौकों पर पोर्ट ब्लेयर में नारायण के सरकारी आवास पर हिंसक यौन हमले का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है. महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि नौकरी की तलाश में एक होटल मालिक ने उसे श्रम आयुक्त से मिलवाया और आयुक्त उसे मुख्य सचिव के आवास पर ले गया. वहांउन्हें शराब की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने मना कर दिया और उन्हें सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया गया.

उन्होंने आरोप लगाया, उसके बाद दो लोगों ने उसके साथ क्रूरता और यौन उत्पीड़न किया. दो हफ्ते बाद, उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया कि उन्हें रात 9 बजे फिर से मुख्य सचिव के आवास पर बुलाया गया और हमला दोहराया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी नौकरी का वादा करने के बजाय उन्हें धमकी दी गई कि अगर उन्होंने इस बारे में किसी से बात की, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सरकार अपने अधिकारियों द्वारा अनुशासनहीनता के कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेगी., चाहे उनकी रैंक और स्थिति कुछ भी हो. बयान के अनुसार, मंत्रालय को रविवार को अंडमान और निकोबार पुलिस से एक रिपोर्ट मिली कि वहां मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत रहते हुए नारायण और अन्य लोगों द्वारा एक महिला का कथित यौन उत्पीड़न किया गया था.

बयान के अनुसार, रिपोर्ट में 1990 बैच के एजीएमयूटी कैडर के एक आईएएस अधिकारी नारायण द्वारा घोर कदाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग का संकेत दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. बयान में कहा गया है कि नारायण को तत्काल निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.