अमानतुल्लाह खान को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 1 Years ago
अमानतुल्लाह खान को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया
अमानतुल्लाह खान को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

 

नई दिल्ली. दिल्ली वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार मामले में रोज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान को चार दिन के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की हिरासत में भेज दिया. आम आदमी पार्टी के गिरफ्तार विधायक अमानतुल्ला खान की सुनवाई के दौरान अदालत में तीखी बहस के बीच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पूछताछ के लिए 14 दिन की हिरासत मांगी, जबकि बचाव पक्ष ने इसका विरोध किया.

बचाव पक्ष ने भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ किसी भी सनसनीखेज दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है. दिल्ली की रोज एवेन्यू कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विधायक को चार दिन की एसीबी हिरासत में भेज दिया. दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा केंद्र सरकार के प्रतिनिधि उपराज्यपाल वीके सक्सेना को रिपोर्ट करती है.

एसीबी ने दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा कथित अवैध नियुक्तियों से संबंधित दो साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में अमानतुल्ला खान को गिरफ्तार किया है. आम आदमी पार्टी ने ओखला के 48 वर्षीय विधायक अमानतुल्लाह खान पर लगे आरोपों को निराधार बताया. अमानतुल्ला खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती करने और सभी मानदंडों और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों के साथ आरोप लगाया गया है.

दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ ने स्पष्ट बयान दिया था और इस तरह की अवैध भर्ती के खिलाफ एक ज्ञापन जारी किया था. यह बात भ्रष्टाचार निरोधक कार्यालय की ओर से कल जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही गई है. एसीबी ने आज अदालत में कहा कि उसे अमानतुल्ला खान की ओर से दिल्ली वक्फ बोर्ड में उनके परिवार के सदस्यों की नियुक्ति को लेकर शिकायत मिली है. एसीबी ने अदालत को बताया कि चार टीमों का गठन किया गया था और जब टीम जांच के लिए पहुंची, तो उन पर हमला किया गया. उन्होंने एक वीडियो फुटेज भी दिखाया, जिसमें उनके एक अधिकारी को भीड़ द्वारा पीटा जा रहा था.

अमानतुल्ला खान की ओर से पेश हुए वकील राहुल मेहरा ने जवाब दिया कि जब हमला हुआ, तो अमानतुल्ला खान वहां नहीं थे, क्योंकि वह एसीबी की हिरासत में थे. उन्होंने कहा कि इसलिए वह अदालत में यह नहीं कह सकते कि अमानतुल्ला खान ने उन पर हमला किया.

एसीबी ने दावा किया है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड में हाल ही में नियुक्त 32 लोगों में से 27 विधायक के करीबी हैं. एसीबी ने कहा कि वक्फ बोर्ड में नियुक्ति को लेकर स्थानीय अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ था, जिसके बाद 33 में से 32 पदों को भर दिया गया. भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने कहा कि उनमें से 27 अमानतुल्ला खान के निर्वाचन क्षेत्र ओखला से थे.

गौरतलब है कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने शुक्रवार को अमानतुल्लाह खान को उनके आवास से गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की. दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक शाखा दिल्ली (एसीबी) के अधिकारियों ने आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अमानतुल्ला खान से जुड़े चार ठिकानों पर छापेमारी की. पुलिस ने आज आर्म्स एक्ट मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा जामिया नगर निवासी आम आदमी पार्टी के विधायक हामिद अली (54) के एक करीबी को भी गिरफ्तार किया है.

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्व) ईशा पांडे ने कहा कि हामिद अली के घर से एक अवैध हथियार और कुछ जिंदा कारतूस बरामद किए गए. इस मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. दूसरी प्राथमिकी भी जोगा बाई एक्सटेंशन निवासी कौसर इमाम सिद्दीकी उर्फ लादौन के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज की गई है. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उसके आवास से एक घर का बना पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. वह गिरफ्तारी से बच रहा है. तीसरा एफआईआरएसी सीबी के छापेमारी अभियान में बाधा डालने के लिए दायर किया गया था. चार स्थानों पर एसीबी की छापेमारी के दौरान 24 लाख रुपये नकद और कारतूस और गोला-बारूद सहित दो अवैध और बिना लाइसेंस के हथियार बरामद किए गए.

पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) मधुर वर्मा ने कहा कि मामला दिल्ली वक्फ बोर्ड के कामकाज में वित्तीय अनियमितताओं और अन्य अनियमितताओं से जुड़ा है. आरोप है कि अध्यक्ष के रूप में अमानतुल्ला खान ने भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों के साथ दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को अवैध रूप से पट्टे पर दिया था. एसीपी वर्मा ने कहा कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के फंड का दुरुपयोग किया है, जिसमें दिल्ली सरकार की सहायता अनुदान भी शामिल है.