ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआइ सर्वे पर इलाहाबाद हाइकोर्ट की रोक

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 09-09-2021
ज्ञानवापी मस्जिद
ज्ञानवापी मस्जिद

 

आवाज- द वॉयस/ प्रयागराज

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को वाराणसी की निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का व्यापक भौतिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था.

निचली अदालत ने 8अप्रैल को मस्जिद परिसर की जांच के लिए एक एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि एक हिंदू मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त करने के बाद मुगल सम्राट द्वारा मस्जिद का निर्माण करने का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए इसकी जरूरत थी. यह आदेश हिंदुओं को उस भूमि की वापसी की मांग पर था, जिस पर ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है.

स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर की प्राचीन मूर्ति की ओर से वादी ने कहा था कि मुगल शासक औरंगजेब ने 1664में मंदिर को नष्ट कर दिया था और इसके अवशेषों पर एक मस्जिद का निर्माण किया था. इस मामले में 1991में एक मुकदमा दायर किया गया था जिसमें उस स्थान पर प्राचीन मंदिर की बहाली की मांग की गई थी जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद है.

15 मार्च को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विभिन्न दलीलों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसने वाराणसी के ट्रायल कोर्ट के समक्ष 1991 के मुकदमे की स्थिरता को चुनौती दी थी, जिसमें उस स्थान पर एक प्राचीन मंदिर की बहाली की मांग की गई थी जहां अब वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद है.