राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-लखनऊ
देवबंद के मुफ्ती अरशद फारूकी ने अलीगढ़ के भाजपा नेता रूबी आसिफ खान के खिलाफ इस गणेश चतुर्थी पर अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति की पूजा करने और स्थापित करने पर फतवा जारी किया है. मुफ्ती ने दावा किया कि रूबी आसिफा का आचरण गैर-इस्लामिक था. वह भाजपा की महिला मोर्चा अलीगढ़ की मंडल उपाध्यक्ष हैं.
newindianexpress की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूबी आसिफा खान ने धार्मिक सौहार्द की मिसाल कायम करते हुए अपने घर में मूर्ति स्थापित की और भगवान गणेश की पूजा की. इस पर इस्लामिक मौलवियों का ध्यान आकर्षित हुआ. देवबंद के मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि भगवान गणेश हिंदुओं द्वारा अत्यधिक पूजनीय हैं और उन्हें ज्ञान व सुख-समृद्धि लाने के लिए जाना जाता है. लेकिन इस्लाम में मूर्ति पूजा की अनुमति नहीं थी.
मुफ्ती ने कहा, ‘‘इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी की इबादत नहीं होती. ऐसा करने वाले इस्लाम के खिलाफ हैं. जो लोग किसी मूर्ति की पूजा करते हैं, उनके खिलाफ वही फरमान जारी किया जाता है, जो इस्लाम के खिलाफ जाने वालों के लिए जारी किया जाता है.’’
हालांकि, फतवे का जवाब देते हुए रूबी खान ने समाज में कलह फैलाने के लिए देवबंद मुफ्ती जैसे लोगों को जिम्मेदार ठहराने से इनकार कर दिया. रूबी खान ने दावा किया कि ऐसे मौलवी और मुफ्ती सच्चे मुसलमान नहीं हैं और वे सिर्फ धार्मिक आधार पर समाज के विभाजन में शामिल हैं. रूबी ने कहा कि उसने पहले भी ऐसे कई फतवों का सामना किया है और उन्होंने फतवे की परवाह नहीं की.
रूबी ने आगे कहा कि ऐसे मुफ्ती और मौलाना चरमपंथी मानसिकता के थे और उन्होंने भारत में रहकर हिंदुस्तान की परवाह नहीं की और अगर वह सच्चे मुसलमान होते, तो इस तरह की बात नहीं करते. रूबी ने कहा कि वह हमेशा से हिंदू त्योहार मनाती रही है और आगे भी करती रहेंगी. रूबी के अनुसार, मौलवी ने अतीत में उसके खिलाफ पोस्टर भी लगवाए थे, लेकिन वह केवल हिंदू-मुस्लिम एकता बनाए रखना चाहती थीं.
एडीए कॉलोनी निवासी रूबी आसिफ खान ने सात दिनों तक अपने घर में गणेश प्रतिमा की स्थापना करके सभी रस्मों के साथ उसकी स्थापना की है. रूबी ने कहा, ‘‘हम मूर्ति को छह सितंबर को पानी में विसर्जित करने से पहले सात दिनों तक रखेंगे. मैं और मेरा परिवार हर दिन अनुष्ठान के अनुसार पूजा करते हैं और भगवान को ‘मोदक’ अर्पित करते हैं.’’