आवाज-द वॉयस
कर्नाटक में हिजाब विवाद के दौरान, मस्कान खान का नाम उस समय सुर्खियों में आया था, जब अपने कॉलेज में जय श्री राम के नारे लगाने वाले लड़कों के सामने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे. अब अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-अजवाहिरी ने मुस्कान के पक्ष में बयान दिया है. हालांकि मुस्कान के पिता ने इसकी निंदा की और इसे अनावश्यक बताया.
इस संबंध में देश के प्रमुख इस्लामी विद्वान और मौलाना आजाद विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व कुलपति प्रो. अख्तर अल-वासे ने अयमान अल-जवाहिरी के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अल-जवाहिरी की मंषा मुस्लिम छात्रा मुस्कान खान के लाभ के लिए नहीं है.
प्रोफेसर अख्तरुल वासे ने कहा कि अल-जवाहिरी का बयान मुस्कुन के कार्य और उस उद्देश्य को नुकसान पहुंचाएगा, जिसके लिए उन्होंने विरोध किया था.
उनके मुताबिक भारत में इस्लाम विरोधी और मुस्लिम विरोधी ताकतें इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगी. इसलिए, हम अल-जवाहिरी के बयान से खुद को अलग करते हैं और इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं.
प्रोफेसर अख्तरुल वाले इस मामले में मुहम्मद हुसैन खान को अल-जवाहिरी के बयान से खुद को दूर करने के लिए बधाई देते हैं और कहते हैं कि उनकी तत्काल प्रतिक्रिया उचित है.
उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ अल्लाह की मदद चाहिए और किसी की नहीं.
प्रो. अख्तरुल-वासे ने गृह राज्य मंत्री के बयान के आलोक में कहा कि अल-जवाहिरी का यह बयान इस्लाम विरोधी और मुस्लिम विरोधी ताकतों के हाथों को मजबूत करने के लिए था.
उनके अनुसार, हम उनके बयान की निंदा इसलिए नहीं कर रहे हैं, क्योंकि यह भारत के वर्तमान संदर्भ में उचित नहीं है, बल्कि इसलिए भी कि हम जवाहिरी के विचारों से सहमत नहीं हैं. अयमान अल-जवाहिरी जिस तरह के इस्लाम का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह हमें स्वीकार्य नहीं है. वे उग्रवाद और अलगाववाद का उपदेश और शिक्षा देते हैं. वे हिंसा का सहारा लेते हैं.