अजमेरः वार्षिक उर्स अंतिम दौर में, पर जायरीन के आने का सिलसिला बरकरार

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 17-02-2021
अजमेरः वार्षिक उर्स अंतिम दौर में, पर जायरीन के आने का सिलसिला बरकरार
अजमेरः वार्षिक उर्स अंतिम दौर में, पर जायरीन के आने का सिलसिला बरकरार

 

अपडेट

दिन 12 50 / 18 फरवरी 2021

अजमेर.ख्वाजा की नगरी अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज चिश्चिती का वार्षिक उर्स अब अंतिम दौर में है, बावजूद इसके जायरीन के यहां आने का सिलसिला बना हुआ है. वीआईपी की ओर से दरगाह पर चादरें चढ़ाई जा रही हैं. यहां आने वाले ख्वाज गरीब नवाज से जुड़ी इमारतों, स्थानों का दीदार किए बिना नहीं रह रहे.

 

अजमेर में एक झील है. यहां भी लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है.कहते हंै कि जब ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेर आए थे, तो वे शुरुआती दिनों में इस झील के पास रहे. यह झील अजमेर के पानी की जरूरतों को पूरा करती थी.

आनासागर के पास एक बारादरी है, जो सफेद संगमरमर से बनी है. इसमें नक्काशी की अद्भुत कारीगरी है. दरवाजों, मेहराबों और स्तंभों पर अद्वितीय नक्काशी देखी जा सकती है. सुंदर जालीदार इमारत भी देख सकते हैं, जो मुगल वास्तुकला की पहचान है.

आनासागर के पास कई बुजुर्गों की दरगाहें भी हैं, जहां वे एकांतवास में इबादत और अल्लाह को याद करते थे.ढाई दिन की प्राचीन मस्जिद भी है अजमेर में.

यहां आने वालों की हर दम भीड़ लगी रहती है. यह ऐतिहासिक मस्जिद दरगाह शरीफ से कुछ मिनट की दूरी पर है. इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ और सुल्तान शम्सुद्दीन अल-तामिश के शासनकाल के दौरान बनकर तैयार हुई. इसका निर्माण ख्वाजा साहब के समय में शुरू हुआ था. उन्होंने इसमें नमाज भी अदा की थी. यह अजमेर की एक शानदार मस्जिद है.

इसके मेहराब और दीवारों पर आपको अद्भुत पेंटिंग और कलाकृतियाँ देखने को मिलेंगीं. यह भारत की सबसे पुरानी मस्जिदों में एक है. इसकी दीवारों पर कुरान की आयतें उकेरी गई हैं.

 

सेराज अनवर/पटना

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के मजार पर चादरपोशी के लिये बुधवार को बारह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को चादर के साथ रवाना किया.सीएम नीतीश ने अपने मुख्यमंत्री आवास 1अणे मार्ग में जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी तनवीर अख़्तर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल को चादर सुपुर्द किया.

यह प्रतिनिधिमंडल गरीब नवाज़ ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिशती की दरगाह अजमेर शरीफ में हाज़िर होकर 809वां उर्स के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से चादरपोशी करेगा.चादर भेंट करते हुए नीतीश कुमार ने बिहार में ख़ुशहाली,अमन-चैन,भाईचारे और सद्भाव का माहौल क़ायम रहने कि दुआ मांगी.इस मौक़े पर बड़ी अक़ीदत के साथ गरीब नवाज़ दरगाह के लिए चादर भेंट की और दुआओं के साथ प्रतिनिधिमंडल को रवाना किया.

तनवीर अख़्तर के साथ प्रतिनिधिमंडल में मुस्तफ़ा कमाल,डॉ.आसम परवीन,असमत नौशाबा,आबिद हुसैन,अफ़रोज़ आलम,ग़ुलाम गौस राईन,आफ़ताब आलम,वसीम अंसारी,नेसार अहमद,नौशाबा खानम,ग़ुलाम शब्बीर फ़रीदी,शाहनवाज़ खान शामिल हैं.

नई दिल्ली / अजमेर.  भारत के साथ राजनयिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने का संकेत देते हुए, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में अपने राजनयिक मिशन के माध्यम से विश्व प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह को ‘चादर’ भेजी है. अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज का वार्षिक 809वां ‘उर्स मुबारक’ जारी है.

वर्तमान ‘गद्दी नशीन’ और हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (1142-1236ई) के 27वें प्रत्यक्ष वंशज हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने आईएएनएस से कहा, “अफगानिस्तान के किसी भी राष्ट्रपति और किसी भी दक्षिण एशियाई राष्ट्र द्वारा भेजा गया यह पहला पवित्र ‘चादर मुबारक’ है.”

उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति अशरफ गनी ने संदेश भिजवाया है कि ‘ख्वाजा गरीब नवाज (आरए)’ का संदेश दुनिया भर में सुना और समझा जाए.”साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान और अफगान लोगों की ओर से भारत में अजमेर शरीफ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (आरए) के प्रति सम्मान और श्रद्धा के एक विनम्र संदेश के साथ 809वें वर्ष के उर्स मुबारक समारोह को चिह्न्ति करने के लिए एक पवित्र ‘गिलाफ मुबारक’ भेजा है.”

अजमेर शरीफ दरगाह के सज्जादानशीन, सैयद सलमान चिश्ती ने कहा, “यह भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी प्रगति है और अफगानिस्तान में चरमपंथी कट्टरपंथियों के लिए मजबूत संदेश है, जिन्होंने कई सूफी श्राइनों और एकता के केंद्रों को नष्ट कर दिया है.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पवित्र सूफी मंदिर में ‘चादर’ चढ़ाई है.