एआईयूडीएफ ने इमामों के लिए एसओपी लाने के असम सरकार के कदम का स्वागत किया

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 24-08-2022
एआईयूडीएफ ने इमामों के लिए एसओपी लाने के असम सरकार के कदम का स्वागत किया
एआईयूडीएफ ने इमामों के लिए एसओपी लाने के असम सरकार के कदम का स्वागत किया

 

आवाज द वॉयस /गुवाहाटी
 
बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने अन्य राज्यों से असम आने वाले इमामों और मदरसा शिक्षकों के लिए पुलिस सत्यापन सहित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) शुरू करने के असम सरकार के फैसले का स्वागत किया है.
 
एआईयूडीएफ विधायक और पार्टी महासचिव करीमुद्दीन बरभुइया ने कहा, हम असम सरकार द्वारा लिए गए निर्णय और आंतरिक सुरक्षा के संबंध में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की घोषणा का स्वागत करते हैं, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.
 
उन्होंने आगे कहा कि असम में लगभग 1,200 गैर-सरकारी निजी मदरसे और 50,000 मस्जिद हैं.असम के गोलपारा जिले से अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े दो इमामों की गिरफ्तारी के बाद, राज्य सरकार ने राज्य में जिहादी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं.
 
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार एक पोर्टल विकसित कर रही है, जहां राज्य के बाहर से आने वाले मदरसों के इमाम और शिक्षकों को पोर्टल में अपना विवरण दर्ज करना होगा.
 
इससे पहले मंगलवार को असम के गोलपारा जिले की एक स्थानीय अदालत ने अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) से जुड़े दो इमामों, जो संदिग्ध आतंकवादियों के तौर पर गिरफ्तार किए गए थे को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
 
इस साल मार्च से, असम पुलिस ने राज्य में एक्यूआईएसध्एबीटी के पांच मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और 35 लोगों को गिरफ्तार किया है.