आह! कोरोना से 269 डॉक्टरों की मौत, डॉ. केके अग्रवाल भी विदा हुए

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 18-05-2021
डॉ. केके अग्रवाल
डॉ. केके अग्रवाल

 

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और महामारी की दूसरी लहर के दौरान 269 डॉक्टरों की मौत हो गई है. पद्मश्री से सम्मानित और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के.के. अग्रवाल का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) में कोविड से निधन हो गया.

डॉ केके अग्रवाल 62 वर्ष के थे. अग्रवाल के निधन की घोषणा उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर की गई है.

ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा गया है, “यह बड़े दुख के साथ सूचित किया जाता है कि हमारे प्रिय डॉक्टर केके अग्रवाल का 17 मई को रात 11.30 बजे नई दिल्ली में कोविड-19 के साथ लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया. उनका यहां एम्स में इलाज चल रहा था और पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर हैं. बयान में कहा गया है कि पद्मश्री पुरस्कार विजेता केके अग्रवाल ने अपना जीवन लोक कल्याण और चिकित्सा जागरूकता को उजागर करने के लिए समर्पित कर दिया था.”

वे हृदय रोग विशेषज्ञ थे. उन्हें 2005 में डॉ. बीसी राय पुरस्कार और 2010 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

डॉ केके अग्रवाल का जन्म 5 सितंबर 1958 को हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली से पूरी की और नागपुर विश्वविद्यालय से एमबीबीएस किया.

उन्होंने महामारी के दौरान जागरूकता बढ़ाने, कई वीडियो और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से 100 मिलियन से अधिक लोगों तक पहुंचने और अनगिनत जीवन बचाने के लिए अथक प्रयास किया.

आईएमए के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कुल 269 डॉक्टरों की जान चली गई है. इन डॉक्टरों में ज्यादातर की उम्र 30 से 55 साल के बीच थी.

आईएमए के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में संक्रमण से मरने वाले डॉक्टरों की संख्या सबसे ज्यादा दर्ज की गई. बिहार में अब तक कुल 78 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है.

उत्तर प्रदेश में 37, दिल्ली में 28, आंध्र प्रदेश में 22, तेलंगाना में 19, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में 14-14 डॉक्टरों ने संक्रमण से जूझते हुए अपनी जान गंवाई है.

पिछले 24 घंटों के दौरान, देश में कोरोना के नए 2,63,000 मामले सामने आए हैं, जबकि 4,22,000 से ज्यादा लोग संक्रमण से उबर चुके हैं. हालांकि, इसी अवधि में 4,329 लोगों की जान चली गई.