अग्निवीर विवादः देशभर में छात्र सड़कों पर, फूंक रहे राष्ट्रीय संपत्ति

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 17-06-2022
सिकंदराबाद में छात्रों का उग्र प्रदर्शन
सिकंदराबाद में छात्रों का उग्र प्रदर्शन

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

-साथ में, एजेंसी इनपुट्स


सेना में प्रस्तावित अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुक्रवार को जोर पकड़ चुका है. देश के विभिन्न हिस्सों से हिंसक गतिविधियों की सूचनाएं आ रही हैं.

बिहार में बवाल

बिहार में सेना भर्ती को लेकर प्रस्तावित अग्निपथ योजना को लेकर प्रदर्शनकारियों ने तीसरे दिन शुक्रवार को जमकर उत्पात मचाया. राज्य के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर हंगामा किया गया जबकि कई ट्रेनों में आग लगा दी गई.

इधर, हंगामे को लेकर पूर्व-मध्य रेलवे में ट्रेनों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पूर्व-मध्य रेलवे ने 45 ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है जबकि कई ट्रेनों के मार्ग में हदलाव किया गया है. रेलवे ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया है.

अग्निपथ योजना के विरोध में शुक्रवार की सुबह प्रदर्शनकारी बिहार के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर पहुंच गए और जोरदार हंगामा किया. ध्यान देने की बात है कि कई प्रदर्शनकारी अपने चेहरे ढंके हुए हैं, जिससे उनकी पहचान नहीं हो सके. इससे इन प्रदर्शनों के पीछे गहरी साजिश होने की आशंकाएं जताई जा रही हैं.

राज्य के समस्तीपुर, लखीसराय, सुपौल जैसे शहरों में ट्रेनों में आग लगा दी गई. पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार के मुताबिक, “धरना और प्रदर्शनों के कारण ट्रेनों का परिचालन बाधित हुआ है. अब तक पूर्व मध्य रेलवे में 45 ट्रेनों के परिचालन को रद्द कर दिया गया है जबकि 17 ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है या गंतव्य के पहले ही रोक दिया गया है.”

कुमार के मुताबिक, प्रदर्शन के कारण फंसे यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा कई कदम उठाए गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से विभिन्न स्टेशनों पर 124 ट्रेनों को नियंत्रित किया गया है और आरपीएफ, जीआरपी एवं स्थानीय प्रशासन की मदद से सुरक्षा प्रदान की जा रही है. यात्रियों को पानी एवं खाना उपलब्ध कराया जा रहा है.

यात्रियों की सुविधा के लिए टिकट रिफंड, वापसी के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त टिकट काउंटर खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं और शुक्रवार को बाधित ट्रेनों के टिकट के कैंसिल कराने पर कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं लिया जाएगा.

स्थिति सामान्य होने पर यात्रियों की सुविधा के लिए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किए जाने की योजना है तथा लंबी दूरी की ट्रेनों को पुनर्निधारित समय से चलाया जाएगा.

कांग्रेस ने दिया युवाओं को समर्थन

इधर, छात्रों के इस हिंसक प्रदर्शन को सियासी रंग भी मिलने लगा है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन कर रहे युवाओं को अपना समर्थन दिया है. हालांकि, कांग्रेस ने छात्रों से शांति बनाए रखने और हिंसा से दूर रहने का आग्रह भी किया.

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, "उनकी (छात्रों की) चिंताओं को समझते हुए, हम अग्निपथ योजना को वापस लेने की युवाओं की मांगों को अपना समर्थन देते हैं. लेकिन साथ ही उनसे शांतिपूर्वक विरोध करने और इसे तत्काल वापस लेने की मांग करना चाहते हैं."

हुड्डा ने कहा, “जब देश पहले से ही चीन और पाकिस्तान से खतरों का सामना कर रहा हो तो, केंद्र को ऐसे प्रयोग करने से बचना चाहिए.” कांग्रेसपार्टी ने सरकार से इस नीति को वापस लेने को कहा है.

हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती जल्द ही शुरू होगी. उन्होंने उम्मीदवारों को अपनी तैयारी शुरू करने की सलाह दी. इस योजना को देश की रक्षा प्रणाली में शामिल होने और देश की सेवा करने का 'सुनहरा अवसर' बताते हुए,राजनाथसिंह ने योजना के माध्यम से भर्ती होने वाले पहले बैच के लिए आयु छूट की अनुमति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

हैदराबाद में उबाल

सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को अग्निपथ विरोधी हिंसा के बाद हैदराबाद में हैदराबाद मेट्रो रेल और एमएमटीएस ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दी गईं.

एलएंडटीएमआरएचएल के एक प्रवक्ता ने कहा, "शहर में कुछ गड़बड़ी के कारण, हैदराबाद मेट्रो रेल की तीनों लाइनों में सभी परिचालन अगली सूचना तक निलंबित हैं. यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और वैकल्पिक व्यवस्था करें."

दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने भी 44एमएमटीएस सेवाओं को रद्द करने की घोषणा की. लिंगमपल्ली और हैदराबाद के बीच आठ सेवाएं और हैदराबाद और लिंगमपल्ली के बीच नौ सेवाओं को रद्द कर दिया गया है.

मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट सर्विस (एमएमटीएस) हैदराबाद और सिकंदराबाद और बाहरी इलाकों के शहरों को जोड़ती है. लोकप्रिय उपनगरीय ट्रेनें इंट्रा-सिटी और उपनगरीय यात्रियों की जरूरतों को पूरा करती हैं.

ओडिशा में भी गुस्सा

अग्निपथ योजना के खिलाफ शुक्रवार को ओडिशा के कटक शहर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. यहां प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और पुलिस के साथ उनका आमना-सामना हुआ.

कुछ उम्मीदवारों ने सड़क किनारे लगे होर्डिग और पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया. रिंग रोड को जाम करने की कोशिश के दौरान प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों का पुलिस के साथ भी आमना-सामना हो गया, जिससे यातायात सेवाएं बाधित हो गईं. स्थिति तनावपूर्ण होने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया.

कटक के पुलिस उपायुक्त, पिनाक मिश्रा ने कहा, "एक हजार से अधिक छात्र सेना कार्यालय के समक्ष अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए एकत्र हुए. उनमें से कुछ दूसरी जगह चले गए और नाराज हो गए. हालांकि, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और स्थिति को नियंत्रित किया. हमने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया है. पूछताछ के बाद हम उन्हें रिहा कर देंगे."

मिश्रा ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर करीब पांच प्लाटून पुलिस बल तैनात किया गया है. आंदोलनकारी उम्मीदवारों में से एक ने कहा कि वे पहले ही भारतीय सेना में फिजिकल फिटनेस और चिकित्सा परीक्षण के लिए क्वोलिफाइड कर चुका है. हालांकि, लिखित परीक्षा, जो कि अंतिम परीक्षा है, कई बार तारीखों की घोषणा के बावजूद आयोजित नहीं की गई है.

पश्चिम बंगाल पहुंची विरोध की लहर

सशस्त्र बलों के लिए प्रस्तावित शॉर्ट टर्म एंट्री स्कीम अग्निपथ के खिलाफ आंदोलन की लहर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल पहुंच गई. शुक्रवार सुबह 11बजे तक आंदोलन उत्तरी 24परगना जिले के बनगांव अनुमंडल के ठाकुरनगर और बैरकपुर अनुमंडल के भाटपारा तक ही सीमित रहा.

ठाकुरनगर रेलवे स्टेशन पर युवाओं के एक ग्रुप ने रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया, जिससे पूर्वी रेलवे के अंतर्गत व्यस्त सियालदह-बनगांव लाइन में सामान्य ट्रेन सेवा काफी समय तक बाधित रही.

आंदोलनकारियों की मांग थी कि केंद्र सरकार को प्रस्तावित अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लेना चाहिए और सामान्य भर्ती प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए जिससे एक जवान को न्यूनतम 15साल की सेवा अवधि सुनिश्चित हो. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद रेल जाम हटा लिया गया.

प्रदर्शनकारियों ने यह भी तर्क दिया कि कठोर प्रशिक्षण की प्रक्रिया से गुजरने के बाद, केवल चार साल की सेवा अवधि और लगभग 11लाख रुपये का एक्जिट पैकेज पर्याप्त नहीं है.

आंदोलनकारियों के एक अन्य ग्रुप ने बनगांव से भाजपा के लोकसभा सदस्य और केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर के ठाकुरनगर में पैतृक आवास की ओर मार्च करना शुरू कर दिया. वे अग्निपथ योजना को रद्द करने की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे और पोस्टर पकड़े हुए थे.

इस बीच, बैरकपुर उपमंडल के भाटपारा में प्रदर्शनकारियों के एक ग्रुप ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और सड़कों पर मोटर-टायर जलाकर आंदोलन किया. आंदोलनकारियों द्वारा सार्वजनिक वाहनों पर पथराव करते देखे जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए. आंदोलन करते हुए वे राष्ट्रीय तिरंगा लिए हुए थे.

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा भारतीय सशस्त्र बलों की समृद्ध विरासत का मजाक बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "इस तरह के बेतुके प्रस्तावों पर विरोध प्रदर्शनों की पुनरावृत्ति होना तय है."

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी सांसद दिलीप घोष ने कहा कि यह जांच का विषय है कि क्या आंदोलन वास्तव में आम नौकरी चाहने वालों द्वारा किया जाता है या राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडों द्वारा किया जाता है.

गुरुग्राम में धारा 144

केंद्र की अग्निपथ योजना के विरोध के मद्देनजर, गुरुग्राम जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर सीआरपीसी की धारा 144लागू कर दी है. एसडीएम गुरुग्राम अंकिता चौधरी ने कहा, "जिला गुरुग्राम में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर आदेश जारी किए गए हैं."

गुरुग्राम के फरुखनगर रोड चंदू और पटौदी रोड पर शुक्रवार सुबह प्रदर्शन की सूचना मिली. करीब 100लोगों ने गुरुग्राम-झज्जर रोड और पटौदी रोड को जाम करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया.

अब मैदान में उतरे छात्र संगठन

तीनों सेनाओं में भर्ती की केंद्र सरकार की 'अग्निपथ' योजना की वापसी की मांग को लेकर शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में आईटीओ पर वामदल समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों और आम आदमी पार्टी (आप) के छात्र संगठन छात्र युवा संघर्ष समिति ने विरोध प्रदर्शन किया.

सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते ये छात्र आईटीओ दिल्ली मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 5 से पुरानी दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बीच सड़क पर धरने पर बैठ गये. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने बताया है कि आईटीओ मेट्रो स्टेशन और ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन के सभी दरवाजे प्रदर्शन के कारण बंद कर दिये गये हैं. इसके अलावा दिल्ली गेट और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के दरवाजे भी बंद हैं.

छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सहित सुरक्षाबल के जवानों ने उन्हें धरने से उठाया. कई प्रदर्शकारियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा कि सरकार सेना के पेशेवर रवैयेऔर देश की सुरक्षा को चुनौती देने वाली नीति के खिलाफ विरोध के आवाजों को चुप नहीं करा सकती है. यह योजना उन युवाओं के जीवन को बर्बाद करेगी जो अनुबंध के तहत सेना का हिस्सा बनने के लिए नियुक्त किए जाएंगे.