कश्मीर के बाद असम आतंकवादियों के निशाने पर ? 1500 युवा आतंकवादी संगठनों में शामिल

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 13-09-2022
कश्मीर के बाद असम आतंकवादियों के निशाने पर है ? 1500 युवा आतंकवादी संगठनों में शामिल
कश्मीर के बाद असम आतंकवादियों के निशाने पर है ? 1500 युवा आतंकवादी संगठनों में शामिल

 

आवाज द वॉयस /गुवाहाटी (असम)

असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने खुलासा किया है कि 2016से अब तक 1500से अधिक युवा विभिन्न आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं. चूंकि कष्मीर को अतंकवादियों का गढ़ माना जाता है. सरमा के खुलासे के बाद लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या कष्मीर के बाद असम अतंकवादियों का गढ़ बनता जा रहा है ?

सीएम हिमंत ने असम विधानसभा में इससे संबंधित आंकड़े पेष किए हैं. इसके मुताबिक, राज्य के कुल 1561 युवा 2016 से पांच आतंकवादी संगठनों में शामिल हो चुके हैं. कांग्रेस विधायक देवव्रत सैकिया के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 से 811 युवा एनडीएफबी में शामिल हुए.

2022 तक 164 युवा एनएलएफबी (बोडो) में गए, 351 युवा पीडीसीके में शामिल हुए, 203 युवा उल्फा में शामिल हुए और 32 युवा इस दौरान यूपीआरएफ में शामिल हुए. उन्होंने बताया कि इस दौरान 23 विभिन्न उग्रवादी संगठनों के 7935 कैडर ने आत्मसमर्पण किया और मुख्यधारा में शामिल हुए.

एनडीएफबी के 4516 कैडर में से एनएलएफबी के 465 कैडर, केपीएलटी के 915 कैडर, पीडीसीके के 388 कैडर, यूपीएलए के 378 कैडर, केएलएनएलएफ के 246 कैडर, डीएनएलए के 181 कैडर, एडीएफ के 178 कैडर, यूजीपीओ के 169 कैडर, उल्फा के 105 कैडर, एनएसएलए के 87 कैडर, टीएलए के 77 कैडर, केएलएफ के 60 कैडर आत्मसमर्पण करने वालों में षामिल हैं. हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने लिखित उत्तर में कहा

 कि 2016 से राज्य में जिहादी गतिविधियों के लिए कुल 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.गिरफ्तार व्यक्ति जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी), हिजबुल मुजाहिदीन और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) जैसे इस्लामी आतंकवादी समूहों का हिस्सा हैं.

गिरफ्तार किए गए 10 व्यक्ति मदरसों से जुड़े थे. उनकी पहचान सैफुल इस्लाम उर्फ हेरोल्ड उर्फ सुमन (बांग्लादेशी नागरिक), मामुनूर रशीद (बारपेटा जिला), मुस्तफा उर्फ मुफ्ती मुस्तफा (मोरीगांव जिला), अब्दुस सुबहान (गोलपारा जिले के मोरनोई), जलालुद्दीन के रूप में हुई है.

शेख (गोलपारा जिला), अब्दुस सुबहान (गोलपारा जिले का गोविंदपुर चला), मुफ्ती हाफिजुर रहमान (बोंगईगांव जिला), अजमल हुसैन (गुवाहाटी), अकबर अली (बारपेटा जिला) और अब्दुल कलाम आजाद (बारपेटा जिला) हैं.

वे मुस्लिम युवाओं और लोगों को जिहादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए मस्जिदों, मदरसों, जलापा और धर्म सभाओं का इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने जिहादी से संबंधित विभिन्न पुस्तिकाएं भी वितरित कीं और एंड-टू-एंड संचार के लिए ओमेमो और ब्लैबर जैसे परिष्कृत वार्तालाप ऐप्स का उपयोग किया.