आवाज द वाॅयस /श्रीनगर
32 वर्षीय कश्मीरी पत्रकार आसिफ सुल्तान को रविवार को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया. सुल्तान के जेल से रिहा होने के तुरंत बाद नजरबंद कर दिया गया.पत्रकार ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपित होने के लिए 1317 दिन जेल में बिताए. उन्हें 5अप्रैल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने जमानत दी थी.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुल्तान को जमानत मिलने के तुरंत बाद श्रीनगर की केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया था. हालांकि, काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर के अधिकारियों ने जल्द ही उसे पकड़ लिया और 6अप्रैल को बटमालू पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया.
इससे पहले, सुल्तान को अगस्त 2018में पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने बटमालू में दर्ज एक प्राथमिकी के बाद गिरफ्तार किया था, जिसमें उस पर ‘ज्ञात आतंकवादियों को पनाह देने‘ का आरोप लगाया गया था. उस पर छह यूएपीए अपराधों और भारतीय दंड संहिता की छह धाराओं के तहत आरोप लगाया गया था.
आरोप गैर इरादतन हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश के तहत माला दर्ज किया गया था.