नई दिल्ली. अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ आत्मार नई दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की और द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और अफगानिस्तान में स्थायी शांति प्राप्त करने पर चर्चा की.
बैठक के बाद ट्विटर पर मोहम्मद हनीफ आत्मार ने कहा कि दोनों पक्षों ने आम सुरक्षा चुनौतियों के साथ राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्रों पर चर्चा की. उन्होंने ट्वीट किया, “आज मेरे प्रिय मित्र और भारतीय एनएसए अजीत डोभाल से मिलकर बहुत अच्छा लगा. राजनीतिक, सुरक्षा और क्षेत्रों में हमारे सहयोग पर शानदार चर्चा हुई. हमने आम सुरक्षा चुनौतियों और अफगानिस्तान में स्थायी शांति प्राप्त करने पर द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.”
एक बयान के अनुसार, इससे पहले आज मोहम्मद हनीफ आत्मार ने विभिन्न मुद्दों पर केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बातचीत की थी, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया शामिल है.
आत्मार भारत के साथ कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तीन दिवसीय यात्रा के लिए सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे थे. उन्होंने जयशंकर को दोहा में अफगान शांति प्रक्रिया को शुरू करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों सहित और अफगानिस्तान पर पिछले सप्ताह के मास्को सम्मेलन के परिणामों पर जानकारी दी.
दोनों पक्षों ने मास्को में ट्रोइका शांति बैठक की समीक्षा की और शांति प्रक्रिया को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लिए बैठक की अंतिम घोषणा को सकारात्मक बताया.
बयान में कहा गया है कि भारत अफगानिस्तान में शांति और विकास पर क्षेत्रीय सम्मेलनों में भाग लेने और तजाकिस्तान में हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रक्रिया और तुर्की में शांति वार्ता के लिए तैयार है.
पिछले हफ्ते अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत आए थे और फिर अफगानिस्तान गए थे. अमेरिकी प्रशासन को अफगानिस्तान में कार्रवाई के अगले भविष्य पर निर्णय लेना है, खासकर इस बात पर कि क्या 1मई तक सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लिया जाएगा, जैसी कि डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान सहमति बनी थी.
आत्मार ने पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान को आर्थिक और विकास सहायता के लिए 3 बिलियन डालर प्रदान करने के लिए भारत के प्रयासों का धन्यवाद किया और इसकी सराहना की. उन्होंने कोरोनोवायरस वैक्सीन की 500,000 खुराक की डिलीवरी के लिए और अफगानिस्तान को 75,000 टन गेहूं उपलब्ध कराने के लिए भी भारत का आभार व्यक्त किया.
शतूत बांध के बारे में जिक्र करते हुए आत्माराम ने इसके निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता और सहयोग की सराहना की.