जामिया मिल्लिया के छात्र रहे अब्दुल हक़ बने बिहार हज कमेटी के चेयरमैन

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 24-05-2022
अब्दुल हक़ बने बिहार हज कमेटी के चेयरमैन
अब्दुल हक़ बने बिहार हज कमेटी के चेयरमैन

 

सेराज अनवर/ पटना

हज शुद्ध रूप से धार्मिक मामला ज़रूर है मगर देश के नामी-गिरामी यूनिवर्सिटी से पढ़े-लिखे लोग भी अब हज कमेटियों के प्रमुख पदों पर विराजमान हों रहे हैं. हज का काम सिर्फ मौलवियों या धार्मिक लोगों की ही ज़िम्मेदारी नहीं रह गयी है.

दीन के मामले में मुस्लिम समाज के युवा पीढ़ी भी दिलचस्पी लेने लगा है. बिहार हज कमेटी के निर्विरोध निर्वाचित चेयरमैन दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं. हज कमेटी के चेयरमैन अब्दुल हक़ अबतक के सबसे युवा चेहरा हैं. यही वजह है कि इनके चुनाव का समाज में गर्मजोशी से स्वागत हुआ है.

बिहार के मुसलमानों को इनसे हज मामलात में बेहतर सुविधा प्रदान करने की उम्मीद बनी है.

कौन हैं अब्दुल हक़?

अब्दुल हक़ पटना दानापुर के रहने वाले हैं. पेशे से बड़े मीट कारोबारी हैं. जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से पढ़े लिखे हैं. इतिहास में इन्होंने ऑनर्स किया है. मेघालय से प्लस टू किया था.

28 साल की उम्र में हक़ बिहार हज कमेटी के सदस्य चुने गये. 29 साल की उम्र में सेंट्रल हज कमेटी के सदस्य बने. इस दौरान उन्होंने बिहार और सेंट्रल हज कमेटियों के बीच दोनों जगह सदस्य होने के नाते समन्वय का काम किया.

अभी हक़ की उम्र 38 साल है जब उन्हें बिहार हज कमेटी की कमान सौंपी गयी है. वज़ीर ए  आला बिहार नीतीश कुमार की भी ख़्वाहिश थी कि हज कमेटी का काम नौजवान देखे. अब्दुल हक़ ख़ुद भी चार बार हज कर चुके हैं.

हज यात्रा से लेकर वापसी तक सारे मामलों की न सिर्फ उन्हें बख़ूबी जानकारी है बल्कि लम्बे अर्से से हज कमेटियों में रहने की वजह से बेहतर तजुर्बा भी रखते हैं. उनके मामा और ससुर हाफ़िज़ इलियास उर्फ़ सोनू बाबू बिहार हज कमेटी के दो बार चेयरमैन रह चुके हैं. कह सकते हैं कि सोनू बाबू का परिवार वर्षों से हाजियों के ख़िदमत में वक़्फ हैं.

अब्दुल हक़ से उम्मीदें

कोविड के कारण बिहार से लगातार दो साल हज यात्रा स्थगित होने के बाद इस बार खैर खूबी से यात्रा सम्पन्न कराने की नये चेयरमैन पर बड़ी ज़िम्मेदारी है. इसलिए भी कि इस बार बिहार के हाजी गया एयरपोर्ट से हज यात्रा पर रवाना होने की बजाय कोलकाता से मुबारक सफर पर रवाना होंगे.

आवाज़ द वायस से अब्दुल हक़ कहते हैं कि बिहार हज कमेटी पर बोझ भले कम है मगर जवाबदेही बड़ी है. बिहार के साथ इस बार बंगाल तक दोगुनी ज़िम्मेवारी का निर्वाह करना होगा.

हज उड़ान के दौरान वह कोलकाता में बिहार के आज़मीन ए हज को मक्का रवाना करने के लिए वहां मौजूद रहेंगे. कई सालों से हज यात्रा की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार मोहम्मद सिकन्दर  कहते कि मुसलमानों को नये चेयरमैन से इसलिए भी उम्मीदें वाबिस्ता है कि युवा हैं,ऊर्जावान हैं,तजुर्बेकार हैं.

हज यात्रा के दौरान बिहार के लोगों के साथ बेहतर सुविधा की दुश्वारी रहती है. हमेशा शिकायतें मिलती रहती हैं. उम्मीद है अब्दुल हक़ उन शिकायतों और कमियों पर क़ाबू पा कर बिहार के हाजियों को बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान कर मिसाल क़ायम करेंगे.

बैठक में कौन-कौन रहें शामिल

हज भवन में आयोजित चेयरमैन के चुनाव में एक सदस्य को छोड़ सभी सदस्य शामिल हुए. इमारत ए शरिया के नुमाइंदा मुफ्ती सनाउल होदा क़ासमी ने कमेटी से इस्तीफ़ा दे दिया है. बैठक में वह मौजूद नहीं थे.

अन्य सदस्यों में चौधरी महबूब अली कैसर,प्रो.ग़ुलाम गौस,ख़ालिद अनवर,मेराज अहमद सुड्डू,तबस्सुम परवीन,बीबी कुलसूम आरा,अमजद रज़ा,अफज़ल अब्बास,अब्दुल हक़,मौलाना तारिक़ इनायत,मौलाना मिंहाज उद्दीन,मास्टर मोजाहिद आलम,सैयद शाह आमिर शाहिद,मोहम्मद इरशादुल्लाह के अलावा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की सचिव डॉ सफ़ीना ए एन और हज कमेटी के सीईओ राशिद हुसैन मौजूद थे.