सात साल से निर्वासन केंद्र में बंद पाकिस्तानी बनना चाहता है भारत का नागरिक, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा समाधान

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

 

आवाज- द वॉयस/ नई दिल्ली

एक पाकिस्तानी नागरिक सात साल से भारत के निर्वासन केंद्र में बंद है. अब उसने भारत सरकार से नागरिकता देने की गुहार लगाई है. इस बाबत उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, और सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है. अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस बारे में समाधान बताने को कहा है. अदालत ने केंद्र से पूछा है क्या 62 वर्षीय उक्त व्यक्ति को अंतरिम रूप से रिहा किया जा सकता है जो भारत का नागरिक बनने के लिए आवेदन करना चाहता है.

असल में, इस पाकिस्तानी नागरिक को सात साल पहले निर्वासित करके पाकिस्तान भेजा जाना था लेकिन पाकिस्तान ने उसको अपना नागरिक मानने से इनकार कर दिया. इसकी वजह से उस शख्स को भारत में डिपोर्टेशन सेंटर में बंद कर दिया गया.

अब, याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार की ओर से बहस में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से पूछा कि क्या इस शख्स को अंतरिम रूप से रिहा किया जा सकता है ताकि वह भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सके. असल में, इस शख्स का कहना है कि उसे भारतीय नागरिकता के आवेदन की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए रिहा किया जाना चाहिए.

इस मामले में उक्त शख्स को फॉरेनर्स एक्ट में साढ़े तीन साल कैद की सजा हुई थी. सजा काटने के बाद से वह 7 फरवरी 2015 से डिपोर्टेशन कैंप में रह रहा है. इस दौरान पाकिस्तान सरकार ने उसे नागरिक मानने से इनकार कर दिया और पाकिस्तान जाने देने से मना कर दिया.


इस याचिका पर बहस के दौरान अडिशनल सॉलिसिटर जनरल को वेबसाइट लाइव लॉ ने उद्धृत किया है कि एक बार अदालत ने जब विदेशी नागरिक घोषित कर दिया तो  फिर वह व्यक्ति किसी राहत का हकदार नहीं है. इस पर अदालत ने पूछा कि वह सात साल से डिपोर्टेशन कैंप में है. सरकार और क्या कर सकती है यह बताया जाए.

तब केंद्र के वकील ने कहा कि पाकिस्तानी कुछ भी कहें तो उसका असर हम पर लागू नहीं हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सही हैं लेकिन अगर कोई आवेदन करना चाहे तो वह कहेगा ही कि वह विदेशी है. आखिर कितने दिन उसे डिपोर्टेशन सेंटर में रखा जाएगा, वह सात साल से सेंटर में बंद है. कोई न कोई रास्ता निकालना होगा. यह अजीब स्थिति है.

इस पर अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हम निर्देश लेकर आएंगे.