गणतंत्र दिवस : राष्ट्र के राजपथ पर दिखा ‘आत्मनिर्भर’ और ‘सशक्त’ भारत

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 26-01-2021
राजपथ पर लद्दाख की झांकी
राजपथ पर लद्दाख की झांकी

 

अपडेटः
 
अपराह्न : 03.06 बजे / 26 जनवरी 2021
 
#RepublicDay: ‘आत्मा-निर्भार भारत अभियानः कोविड’थीम के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग की झांकी में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से रु कोविड-19 वैक्सीन विकास की प्रक्रिया को दर्शाया गया है.

 
 
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अपराह्न : 02.37 बजे / 26 जनवरी 2021
 
#RepublicDay: लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील के किनारे आईटीबीपी के जवानों ने गणतंत्र दिवस मनाया.

आईटीबीपी जवानों की बलिष्ठ काया, मछलीदार बाजुओं और फौलादी सीना देखकर उत्तरी सीमा पर दुश्मन कांप उठता है. सेल्यूट.


 
 
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अपराह्न : 02.32 बजे / 26 जनवरी 2021
 
#RepublicDay: ‘अयोध्याः सांस्कृतिक विरासत उत्तर प्रदेश’ थीम के साथ उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर को प्रदर्शित किया गया.
झांकी में अयोध्या का दीपोत्सव दिखाई देता है, जिसमें लाखों मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं.
 
 
 
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अपराह्न : 02.28 बजे / 26 जनवरी 2021
 
 

#RepublicDay: पंजाब की झांकी में नवम सिख गुरु परमपूज्य श्री गुरु तेग बहादुर की महिमा को दर्शाया गया. झांकी का थीम ‘श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती’है.

इस झांकी के अंत में गुरु तेग बहादुर के अंतिम संस्कार स्थल गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहिब को भी दिखाया गया है.

इतिहास साक्षी है कि नवम गुरु श्री तेग बहादुर जी ने कश्मीरी पंडितों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए आत्मबलिदान दिया

वे जब कश्मीरी पंडितों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा हेतु औरंगजेब से मिले, तो गुरु जी ने औरंगजेब की शर्तें कबूल करने से इनकार कर दिया.

तब उन पर औरंगजेब ने आठ दिनों तक अनेक अत्याचार किए. अंततः आठ दिनों की यातना के बाद 24 नवंबर 1675 ई. को गुरु जी को दिल्ली के चांदनी चौक में शीश काटकर शहीद कर दिया गया।


 
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अपराह्न : 02.20 बजे / 26 जनवरी 2021
 
 
#RepublicDay: देश की गौरवमयी तीन महिला पायलट्स में से एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत ने लोहालाट भारतीय वायुसेना की शोभायात्रा में हिस्स लिया.
 
 
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अपराह्न : 02.10 बजे / 26 जनवरी 2021
 
 
#RepublicDay: 841 रॉकेट रेजीमेंट के कैप्टन विभोर गुलाटी के नेतृत्व में ‘पिनाका’ मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम ने परेड में हिस्सा लिया.
214 एमएम का पिनाका एमबीआरएल दुनिया सर्वाधिक आधुनिक रॉकेट सिस्टम है. यह पूरा ऑटोमैटिक है और थोड़े ही समय में बड़े इलाके में जब यह आग उगलता है, तो इसकी फायर पॉवर देखकर ड्रेगन भी शर्माता है.
 
 
 
 
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अपराह्न : 02.02 बजे / 26 जनवरी 2021
 
 
#RepublicDay: कैप्टन कमरुल जमान के नेतृत्व में ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के मोबाइल ऑटोनोमस लांचर का प्रदर्शन किया गया.

इस मिसाइल का रूस और भारत के संयुक्त उपक्रम के तहत विकास किया गया है. इसकी अधिकतम मारक क्षमता 400 किमी है.

भारत के इस मिसाइल का नाम सुनकर दुश्मनों के छक्के छूट जाते हैं.

 
 
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अपराह्न : 01.58 बजे / 26 जनवरी 2021
 
 
#RepublicDay: पहली बार परेड में बंगलादेशी सेना की सैन्य टुकड़ी और बैंड ने गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया, जिसका नेतृत्व बंगलादेशी सेना के लेफ्निेंट कर्नल मोहम्मद शाहनूर शावन ने किया.

बंगलादेश की सैन्य टुकड़ी में बंगलादेशी सेना के 122 सैनिक सम्मिलित हैं.

भारत की पूर्वी सीमा पर बंगलादेश हमारे देश की समान संस्कृति साझा करता है. बंगलादेश और भारत की संस्कृति ही नहीं, तमाम सामाजिक और रणनीति हित भी साझा हैं. हाल ही में बंगलादेश को भारत ने कोरोना वैक्सीन की एक बड़ी खेप का उपहार दिया है.

 

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अपराह्न : 01.50 बजे / 26 जनवरी 2021
 
 
#RepublicDay: भारतीय सेना के मुख्य युद्धक टैंक टी-90 भीष्म ने परेड में हिस्सा लिया, जिसने 54 आमर्ड रेजीमेंट के कैप्टन कर्णवीर सिंह भंगु के नेतृत्व में राष्ट्रपति को सलामी दी.
 
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अपराह्न : 01.46 बजे / 26 जनवरी 2021
 

#RepublicDay: भारत के परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं ने भी परेड करके शौर्य के स्वर्णिम अतीत से परिचय करवाया.

परमवीर चक्र दुश्मनों का मुकाबला करते हुए बहादुरी और बलिदान के लिए दिया जाता है. अशोक चक्र भी इन्हीं कारणों के लिए प्रदान किया जाता है, परंतु उस स्थिति में जब दुश्मना का मुकाबला न किया हो.
 

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अपराह्न : 01.38 बजे / 26 जनवरी 2021

लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा ने गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व किया.
 
 
 
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अपराह्न : 01.20 बजे / 26 जनवरी 2021
 

सेना की 223 फील्ड रेजीमेंट ने राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’के उत्तोलन के समय 21 तोपों की सलामी दी.

21 तोपों की सलामी इसके अतिरिक्त स्वतंत्रता दिवस और अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के दौरे पर भी दी जाती है.

 
अपडेटः
 
सुबह: 12.56 बजे / 26 जनवरी 2021
 
 

भारत में मंगलवार को 72वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा है. ऐसे में देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राजपथ पर 21-तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रीय ध्वज को फहराया. 21-तोपों की यह सलामी 223 फील्ड रेजिमेंट की सेरेमोनियल बैटरी द्वारा प्रस्तुत की गई, जिसकी कमान लेफ्टिनेंट जितेंदर सिंह मेहता ने संभाली.

घुड़सवार अंगरक्षकों संग पहुंचे राष्ट्रपति का यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया, जो कि पारंपरिक श्कुर्ता पायजामेश् में नजर आए और उनके सिर पर गुजरात के जामनगर में बनी एक विशेष पगड़ी भी थी.

इससे पहले प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट के पास पहुंचकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी.

राष्ट्रीय ध्वज को फहराए जाने के बाद 155 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर से राजपथ और उपस्थित मेहमानों पर फूलों की बौछारें की गई. इन हेलीकॉप्टरों ने एक वाइन ग्लास के आकर में उड़ानें भरीं.

इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी के राजपथ पर गणतंत्र दिवस के जश्न के बीच भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक और आर्थिक प्रगति का प्रदर्शन किया गया.

राजपथ पर आयोजित इस परेड में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया.

इस साल कोविड-19 महामारी के चलते गणतंत्र दिवस के जश्न में मुख्य अतिथि की उपस्थिति नहीं रही. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, लेकिन महामारी के चलते वह नहीं आ सके.

 
 
अपडेटः
 
सुबह: 12.56 बजे / 26 जनवरी 2021
 

परेड स्थल पर भारतीय सेना के तीनों अंगों के जंगी साजो-सामान का प्रदर्शन देखकर दुश्मनों के कलेजे लरज गए. थल सेना ने अपने मुख्य जंगी टैंक टी-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन बीएमपी-दो, ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, रॉकेट सिस्टम पिनाका, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली समविजय और नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रांत समेत अन्य युद्धक सामग्री देश की फौजी तैयारियों की झलक भर थी. वायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस और देश में विकसित टैंक रोधी निर्देश मिसाइल ध्रुवास्त्र के साथ अपने 38 विमानों और थल सेना ने अपने चार विमानों के साथ उड़ान भरकर अपनी युद्ध कला के नमूने पेश किए. तीन सुखोई-30एमकेआई ने त्रिनेत्र फार्मेशन बनाया, जिसमें वे तीन दिशाओं में ऊपर और नीचे गए और आकाश में ‘त्रिशूल’की आकृति बनाई. इन जंगी हथियारों को जब दुनिया के सर्वोत्तम प्रोफेशनल भारतीय सैनिकों के शौर्य, साहस और पराक्रम का स्पर्श मिल जाता है, तो ये अस्त्र-शस्त्र कई गुना घातक हो जाते हैं. यहां 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी भी पेश की गई, जो भारत-बंगलादेश के सामाजिक और रणनीतिक संबंधों की प्रतिबद्धता है.

 

 

अपडेटः

 
सुबह: 12.27 बजे / 26 जनवरी 2021
 
अपडेटः
 
सुबह: 10.40 बजे / 26 जनवरी 2021

इस वक्त पूरा देश 72 वां गणंत्र दिवस मना रहा है. हिचाल की बर्फीली पहाड़ियों से लेकर समुंद्र के बीच तिरंगा फहराया गया. राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड की सलामी ले रहे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं राष्ट्रपति की पत्नी भी सलामी मंच पर मौजूद हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र भेंट कर शहीदों को सलामी दी. कोरोना महामारी के कारण राजपथ पर और वर्षों के मुकाबले कार्यक्रम छोटा रखा गया है.
 
प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के दिन 70 झांकियां होती थीं. इस बार मात्र 30 झांकियां हैं. पहली बार राजपथ की परेड में बांग्लादेश के तीनों सेना के 122 जवान शामिल हुए. अयोध्या के राम मंदिर एवं लद्दाख की झांकियां पहली बार राजपथ की झांकियों में शामिल की गई हैं. राष्ट्रपति के तिरंगा फहराने के बाद युद्धक हैलिकाॅप्टर से पुष्प वर्षा की गई तथा 21 तोपों की सलामी दी गई. राजपथ पर भारत के सैनिकांे का जहां पूरा दम-खम दिखा, वहीं झांकियां के माध्यम से नए भारत की झलक देखने को मिली. कोरोना के चलते इस बार के गणतंत्र दिवस में कोई विश्ष्टि मेहमान कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ. दूसरी तरफ आकाश में देश की वायु सैन्य शक्ति का नजारा देखने को मिला.
 

 

नई दिल्ली. बस कुछ देर  बाद ही लाल किला पर तिरंगा फहराएगा. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद परेड की सलामी लेंगे और झांकियो का निरीक्षण करेंगे. इससे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र की पूर्ण संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में पिछले साल देश के सामने आई चुनौतियों का जिक्र किया.
 
 राष्ट्रपति ने गलवान घाटी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साल लद्दाख में चीनी सेना की कार्रवाई विस्तारवादी गति विधि थीं. कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन भारतीय सुरक्षा बल किसी भी दुस्साहस को विफल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात हैं. 

 
उन्होंने 72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, प्रत्येक परिस्थिति में अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए हम पूरी तरह सक्षम हैं. पिछले साल, कई मोर्चों पर, अनेक चुनौतियाँ हमारे सामने आईं. हमें, अपनी सीमाओं पर विस्तारवादी गतिविधियों का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारे बहादुर सैनिकों ने उन्हें नाकाम कर दिया.  इस घटना में बलिदान देने वाले भारतीय जवानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देशवासी उन अमर जवानों के प्रति कृतज्ञ हैं.  
 
 राष्ट्रपति ने कहा, हालांकि हम शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अटल हैं, फिर भी हमारी थल सेना, वायु सेना और नौसेना, हमारी सुरक्षा के विरुद्ध किसी भी दुस्साहस को विफल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात हैं. ज्ञात हो कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गत नौ महीने से गतिरोध जारी है.
 
 राष्ट्रपति ने इस अवसर पर तीन कृषि क़ानूनों को लेकर किसानों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया. कहा, आरम्भ में इन सुधारों के विषय में आशंकाएं उत्पन्न हो सकती हैं. परंतु इसमें कोई संदेह नहीं कि किसानों के हित के लिए सरकार पूरी तरह समर्पित है. कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि  संवैधानिक आदर्श के बल पर ही इस संकट का प्रभावी ढंग से सामना करना संभव हो सका. 
 
उन्होंने गर्व के साथ कहा कि अनेक देशों के लोगों की पीड़ा को कम करने और महामारी पर काबू पाने के लिए दवाएं तथा स्वास्थ्य-सेवा के अन्य उपकरण विश्व के कोने-कोने में उपलब्ध कराने के लिए भारत को आज ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ कहा जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना की लगभग एक वर्ष की अप्रत्याशित अग्नि.परीक्षा के बावजूद भारत हताश नहीं हुआ. 
 
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों से कोई न कोई सीख मिलती है और उनका सामना करने से शक्ति  में वृद्धि होती है. उन्होंने कहा,पिछले कुछ वर्षों में भारत का प्रभाव-क्षेत्र और अधिक विस्तृत हुआ है तथा इसमें विश्व के व्यापक क्षेत्र शामिल हुए हैं.जिस असाधारण समर्थन के साथ इस वर्ष भारत ने अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा-परिषद में प्रवेश किया है वह, इस बढ़ते प्रभाव का सूचक है.


119 लोगों को पद्म पुरस्कार

इससे पहले गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के सर्वोच्च 119 लोगों को  पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है.इसके तहत विशेष योगदान देने वाले नागरि को तीन श्रेणियों पद्म विभूषण,पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया जाता है.

भारत-जापान संबंधों को नया आयाम देने वाले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे सहित सात हस्तियों को देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण और असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई , पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और वरिष्ठ नौकरशाह नृपेन्द्र मिश्रा सहित 10 हस्तियों को पद्म भूषण पुरस्कार के लिए चुना गया है.गृह मंत्रालय के अनुसार 102 अन्य हस्तियों को पद्म श्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है.