मास्को और कीव के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है भारतः रूसी विदेश मंत्री लावरोव

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-04-2022
मास्को और कीव के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है भारतः रूसी विदेश मंत्री लावरोव
मास्को और कीव के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है भारतः रूसी विदेश मंत्री लावरोव

 

 

उधर, भारत के दौरे पर आए अमेरिकी डिप्टी एनएसए दलीप सिंह का कहना है कि उसे रूस से अत्यधिक खरीददारी से बचना चाहिए.

रूस और यूक्रेन के बीच भारत के मध्यस्थ बनने की संभावना पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक महत्वपूर्ण देश है. अगर भारत उस भूमिका को निभाना चाहता है, जो समस्या का समाधान प्रदान करता है ... अगर भारत अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के लिए एक न्यायसंगत और तर्कसंगत दृष्टिकोण के साथ है, तो वह ऐसी प्रक्रिया का समर्थन कर सकता है.’’

दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे, लावरोव ने स्वतंत्र भारतीय विदेश नीति की भी सराहना की और भारत पर अमेरिकी दबाव, ऊर्जा की बढ़ती कीमतों और रूस पर प्रतिबंधों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारतीय विदेश नीतियां स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर ध्यान केंद्रित करती हैं. वही नीति रूसी संघ में आधारित है और यह हमें बड़े देशों, अच्छे दोस्त और वफादार साझेदार बनाती है.’’

भारत पर अमेरिकी दबाव के बारे में पूछे जाने पर भारत-रूस संबंधों पर असर पड़ेगा, रूसी एफएम ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि दबाव साझेदारी को प्रभावित नहीं करता है, मुझे कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा ... वे (अमेरिका) दूसरों को उनकी राजनीति का पालन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.’’

यूक्रेन के घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यूक्रेन में विशेष अभियान को युद्ध कहने के लिए भी नारा दिया, लावरोव ने कहा, ‘‘आपने इसे एक युद्ध कहा जो सच नहीं है. यह एक विशेष अभियान है, सैन्य बुनियादी ढांचे को लक्षित किया जा रहा है. उद्देश्य है रूस के लिए कोई भी खतरा पेश करने की क्षमता के निर्माण से कीव शासन को वंचित करें.’’

उन्होंने यह भी जवाब दिया कि वह चल रहे युद्ध में भारत की स्थिति, भारत को तेल की आपूर्ति की पेशकश और रुपये-रूबल भुगतान और प्रतिबंधों पर किसी भी पुष्टि को कैसे देखते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारत हमसे कुछ भी खरीदना चाहता है, चर्चा के लिए तैयार है और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य सहयोग तक पहुंचने के लिए तैयार है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार होंगे, जो वह हमसे खरीदना चाहता है. हम चर्चा के लिए तैयार हैं. रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं.’’

उन्होंने आगे कहा कि भारत के साथ संबंध कई दशकों में विकसित हुए हैं, यह जवाब देते हुए कि वे सुरक्षा चुनौतियों के मामले में भारत का समर्थन कैसे कर सकते हैं

लावरोव ने कहा, ‘‘वार्ता उन संबंधों की विशेषता है जो हमने कई दशकों तक भारत के साथ विकसित किए हैं. संबंध रणनीतिक साझेदारी हैं ... यही वह आधार था, जिस पर हम सभी क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं.’’