सर्दियों में तिल का इस्तेमाल क्यों जरूरी है ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 06-12-2021
सर्दियों में तिल का इस्तेमाल क्यों जरूरी है ?
सर्दियों में तिल का इस्तेमाल क्यों जरूरी है ?

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

सर्दियों में कई संक्रमणों और मौसमी वायरस से बचाव के लिए गर्म, स्वस्थ खाद्य पदार्थों के उपयोग की सलाह दी जाती है. जबकि पौष्टिक तिल कई अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में बेहतर विकल्प है. उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व प्राकृतिक तेल मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी होता है.

पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, तिल पोषक तत्वों और तेलों से भरपूर होते हैं.छोटे सफेद और काले तिल में मांस के समान पोषक तत्व होता है.वहीं घर में दादा-दादी, यहां तक कि बुजुर्ग भी सर्दी की शुरुआत से ही अलसी, मुनक्का, चैरा, तिल, सूखे मेवे समेत गर्म खाने पर जोर देते रहे हैं. ज्यादातर समय घर पर ही रहते हैं. मीठे खाद्य पदार्थों और विशेष व्यंजनों में भी उपयोग किया जाता है.

पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, प्रकृति ने इन छोटे बीजों में स्वास्थ्य का खजाना छिपा है. इनके गर्म प्रभाव के कारण इनका उपयोग महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है. तिल के बीज में कई विटामिन, खनिज, प्राकृतिक तेल होते हैं. अन्य सामग्रियों में कैल्शियम, आयरन शामिल हैं.  मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता, फाइबर, थायमिन, विटामिन बी 6, फोलेट और प्रोटीन भी इसमें पाया जाता है.

पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में तिल का प्रयोग बहुत उपयोगी होता है. इसके प्रयोग से बच्चे, बूढ़े, जवान, सभी सूखी खांसी, रूखी त्वचा, एड़ी, होंठ और गाल फटने, वायरल फ्लू, सर्दी और बुखार बचाव होता है.

पोषण विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके सेवन से मधुमेह, रक्तचाप, कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, त्वचा की क्षति, हृदय रोग और मुँह के रोगों को रोकने में मदद मिलती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मानव शरीर के लिए हानिकारक होते हैं. स्वास्थ्य पदार्थों को भी दूर करता है.

पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, तिल में पाए जाने वाले तेल के कारण इसके इस्तेमाल से एड़ी, हाथ और होठों का फटना बंद हो जाता है.तलवों के वार्मिंग प्रभाव के कारण इसके प्रयोग से ठंड का अहसास कम होता है और शुष्क मौसम में व्यक्ति को नाक और गले से संबंधित रोगों से भी बचाता है.

जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं. उन्हें बादाम और खसखस के साथ तिल मिलाकर दूध पीना चाहिए, वहीं जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उन्हें काले तिल को अच्छे से चबाना चाहिए.तिलों में पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड वसा अधिक होते हैं, जो संतृप्त वसा में कम होते है. हृदय स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.

सर्दियों में बालों की सेहत बनाए रखने और डैंड्रफ को खत्म करने के लिए सिर पर तिल के तेल की मालिश कर 30 मिनट के लिए छोड़ दें. फिर बालों को गुनगुने पानी और शैम्पू से धो लें. बाल काले, लंबे और मजबूत हो जाएंगे.