नयी दिल्ली.
भारत, ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई देशों में ओमीक्रॉन वैरिएंट से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस वैरिएंट के लिए खास बूस्टर डोल के इस्तेमाल की सिफारिश कर सकता है.
डब्ल्यूएचओ अब तक बूस्टर डोज के इस्तेमाल का विरोध करता रहा है. उसके अनुसार अभी निम्न आय वर्ग वाले देशो में स्वास्थ्यकर्मियों समेत हजारों लोगों को कोरोना का पहला डोज भी नहीं मिल पाया है और ऐसे में बूस्टर डोज का इस्तेमाल असमानता का प्रतीक है.
फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक उसने इससे संबंधित दस्तावेज देखे हैं. गत साल के अंतम में कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट ने तबाही मचाई थी. यह वैरिएंट वैक्सीन के कारण शरीर में उत्पन्न प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने में माहिर माना जाता है.
मौजूदा वैक्सीन और बूस्टर डोज ओमीक्रॉन संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर तेजी से अपना असर खोने लगते हैं. सूत्रों के अनुसार, वैरिएंट के लिए खास वैक्सीन के लिए डाटा के उपलब्ध होने और उसके सुरक्षित होने के बाद ही डब्ल्यूएचओ बूस्टर डोज के इस्तेमाल की सिफारिश करेगा.