‘डॉक्टर ट्री‘ किसे कहा जाता है ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 14-03-2022
‘डॉक्टर ट्री‘ किसे कहा जाता है ?
‘डॉक्टर ट्री‘ किसे कहा जाता है ?

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

अंग्रेजी में ‘डॉक्टर ट्री‘ या ‘मोरिंगा‘ के नाम से जाने जाने वाले सोहंजना या सहजन के पेड़ को इसकी अपार उपयोगिता के कारण पूरी दुनिया में एक चमत्कारी पेड़ कहा जाता है.सहजन का उपयोग समग्र स्वास्थ्य और सुंदरता को बढ़ाने में बहुत सहायक है. कहा जाता है कि सहजन के पेड़ के पत्ते, टहनियां, सेम और फूल 300बीमारियों को ठीक करने के गुण रखते हैं. इसलिए इसे ‘डॉक्टर ट्री‘ के नाम से भी जाना जाता है.

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सहजन की उपयोगिता को विज्ञान ने वनस्पति की मान्यता दी है. सहजन का उपयोग महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है.विशेषज्ञों के अनुसार, यह विटामिन और खनिजों से भरपूर एक पेड़ है, जिसके 100 ग्राम पत्तों में 99.1 मिलीग्राम कैल्शियम, 1.3 मिलीग्राम आयरन, 35.1 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 70.8 मिलीग्राम एनर्जी, 471 मिलीग्राम पोटेशियम, 70 मिलीग्राम सोडियम और 0.85 मिलीग्राम जिंक पाया जाता है.

शोध के अनुसार इस पौधे की खोज दक्षिण पंजाब से हुई जिसके बाद यह पौधा उपमहाद्वीप के अन्य हिस्सों और दक्षिण अफ्रीका में पहुंच गया.दुनिया भर के पोषण विशेषज्ञ और खाद्य वैज्ञानिक इस चमत्कारी पौधे के गुणों से चकित हैं. इसके हर हिस्से को भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत में यह काफी लोकप्रिय है.

शोध के अनुसार, मोरिंगा में दूध से 17 गुना ज्यादा कैल्शियम, दही से 9 गुना ज्यादा प्रोटीन, गाजर से 4 गुना ज्यादा विटामिन ए, बादाम से 12 गुना ज्यादा विटामिन ई, केले से 15 गुना ज्यादा पोटैशियम और पालक से 19 गुना ज्यादा आयरन होता है.

अमेरिकी कृषि विभाग के एक अध्ययन के अनुसार, सहजन के पत्तों में विटामिन ए और ई होता है, जिसका उपयोग त्वचा को साफ और चमकदार बनाने, उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम करने और झुर्रियों की उपस्थिति को कम करने के लिए किया जा सकता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासों को रोकते हैं.

sahjan powder

इसकी पत्तियों को सुखाकर पाउडर बनाया जा सकता है.मोरिंगा पाउडर को दूध, गुलाब जल, नींबू की बूंदों के साथ मिलाकर मास्क के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि ताजी पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाया जा सकता है.

कैल्शियम की मात्रा अधिक होने से सोहंजना के पत्तों के सेवन से पाचन तंत्र बेहतर होता है . फाइबर भी मिलता है.मोरिंगा आंतों और पेट के सभी रोगों में उपयोगी है.मोरिंगा में क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो इंसुलिन स्राव को संतुलित करने में मदद करता है.क्लोरोजेनिक एसिड आहार के बाद रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि को रोकने में भी मदद करता है.

हृदय स्वास्थ्य में सुधार

मोरिंगा में एंटीऑक्सीडेंट प्रकार क्वेरसेटिन होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है.जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार सोहंजना के सेवन से मानव शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रहता है जबकि इसके नियमित सेवन से वजन भी कम होता है.

ध्यान रहे कि सहजन के पेड़ पूरे भारत में पाए जाते हैं. इसके पेड़ दिल्ली की अधिकांश सड़कों और गलियों में देखे जा सकते हैं.