मप्र में आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाएगा 'वैद्य आपके द्वार'

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 10-02-2021
मप्र में आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाएगा 'वैद्य आपके द्वार'
मप्र में आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाएगा 'वैद्य आपके द्वार'

 

भोपाल. मध्यप्रदेश में आयुर्वेद को आम आदमी की सेहत को दुरुस्त रखने का जरिए बनाए जाने का सरकारी स्तर पर प्रयास जारी है. इसी क्रम में राज्य में 'वैद्य आपके (मरीज के) द्वार' योजना बनाई जा रही है.  योजना में आयुर्वेदिक चिकित्सक लोगों के घर-घर जाकर उनका आयुर्वेद के जरिए न केवल उपचार करेंगे, बल्कि उन्हें आहार-विहार से लेकर औषधीय पौधों के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे.

ज्ञात हो कि कोरोना काल में आयुर्वेद को आमजन के बीच बड़ी पहचान मिली है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के अलावा इस गंभीर बीमारी से दूर रखने के प्रयास कारगर हुए है. सरकार की ओर से लोगों को एक तरफ जहां काढ़ा वितरित किया गया, वहीं प्राणायाम आदि की सलाह दी गई। राज्य सरकार का आयुष विभाग अब लोगों के बीच आयुर्वेद को नई पहचान दिलाने के लिए 'वैद्य आपके (मरीज के) द्वार' योजना शुरू करने जा रहा है.

आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर कावरे ने बताया कि आयुष विभाग 'वैद्य आपके (मरीज के) द्वार' योजना पर तेजी से काम कर रहा है. बहुत जल्द ही यह योजना लागू होगी और मरीजों को उनके घर पहुंचकर आयुर्वेद पद्धति से उपचार की सेवा दी जाएगी. मंत्री कावरे ने आधिकािरयों से कहा कि आयुष चिकित्सक आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को जन-जन में लोकप्रिय एवं विश्वसनीय बनाने के लिए कार्य करेंगे.

आयुष चिकित्सक अपने दायित्वों का ईमानदारी, जिम्मेदारी एवं शिष्टाचार के साथ निर्वहन करें. आमजन के लिए आयुर्वेद के दूत बनकर कार्य करें. आयुष विभाग इस तरह कार्य करे कि समाज में उनकी नई पहचान बने और लोग आयुर्वेद को पहचानें. राज्यमंत्री कावरे ने कहा कि चिकित्सकों का काम सेवा करना है.

वर्तमान में चिकित्सक ही ईश्वर का रूप है. सभी आयुष चिकित्सक आम जन एवं मरीजों के प्रति अपना व्यवहार अच्छा रखें. आयुर्वेदिक चिकित्सकों को मंत्री ने हिदायत दी है कि स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से संपर्क बनाए रखें. जिले के सभी वेलनेस सेंटर एवं आयुष ग्राम की अवधारणा को साकार करना आयुष चिकित्सकों का काम है.

स्वस्थ्य व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना ही वेलनेस सेंटर का लक्ष्य है. इसके लिए योग, प्राणायाम, आहार-विहार एवं औषधीय पौधों के प्रति आम जन में जागरूकता लाने का काम आयुष चिकित्सकों को करना है.