खर्राटे लेना हो सकता है कैंसर की चेतावनी !

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
खर्राटे लेना हो सकता है कैंसर की चेतावनी !
खर्राटे लेना हो सकता है कैंसर की चेतावनी !

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली

खर्राटे लेने वालों के लिए बुरी खबर है. उन्हें जल्द ही अपनी आदत बदलनी होगी, नहीं तो ये बीमारियां कैंसर के लिए खतरे की घंटी हो सकती है.यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी के हालिया सम्मेलन के दौरान यह बात सामने आई है कि खर्राटे लेने वालों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
 
स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन में यह चेतावनी जारी की गई है कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) से पीड़ित लोगों, यानी खर्राटों के कारण रात में सांस लेना बंद करने वाले लोगों में कैंसर का खतरा अधिक होता है. साथ ही बढ़ती उम्र के साथ इसकी वजह से मानसिक क्षमता भी कम होने लगती है.
 
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया पीड़ित नींद के दौरान सांस लेने में बार-बार रुकने का अनुभव करते हैं, जिससे खर्राटों का खतरा बढ़ जाता है और साथ ही कई चिकित्सीय जटिलताएं भी हो जाती हैं.
 
शोध के अनुसार, जो लोग धूम्रपान करते हैं या शराब का सेवन करते हैं, मोटापे से ग्रस्त हैं या जिन्हें मधुमेह है, उनमें ओएसए का खतरा अधिक होता है.
 
उपरोक्त अध्ययन में, 2 समूहों का गठन किया गया था जिसमें 62,000 से अधिक रोगी थे. एक रोगी के बारे में उसके कैंसर पीड़ित होने का पता चला. दूसरा समूह कैंसर-मुक्त रोगी था.
 
मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चला है कि कैंसर पीड़ितों की नींद पर ज्यादा असर पड़ता है या दूसरे शब्दों में कहें तो उनमें ओएसए की गंभीरता ज्यादा होती है.
 
शोधकर्ताओं का कहना है कि शोध के नतीजों से यह भी पता चला है कि अगर किसी व्यक्ति को रात में ऑक्सीजन की कमी होती है तो ऐसे लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
 
ओएसए वाले लोग रात के समय ऑक्सीजन की कमी से पीड़ित होते हैं, वहीं रक्त वाहिकाओं में थक्कों का खतरा भी खतरनाक रूप से बढ़ जाता है.
 
शोधकर्ताओं ने अब निष्कर्ष निकाला है कि ओएसए कैंसर के खतरे को बढ़ाता है, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि ओएसए सीधे कैंसर का कारण बनता है या नहीं. इसके लिए आगे के शोध की योजना बनाई जा रही है.