कोरोना वैक्सीनेशन वालों के लिए राहत की खबर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 04-08-2021
प्रतीकात्मक छवि
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आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली

टीकाकरण के बावजूद कोरोनावायरस की खबर चिंतित लोगों के लिए राहत की बात है. यह उन लोगों के लिए विशेष खबर है, जिन्हें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका यानि कोविशील्ड टीका लगाया गया है. कोविशील्ड की दोनों खुराक लेने वाले देश के 15लाख से अधिक फ्रंट-लाइन स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण 93प्रतिशत कम पाया गया.

इसका मतलब यह है कि टीकाकरण के बाद के संक्रमण में 93प्रतिश की कमी आएगी.

देश में अब तक हुए संक्रमण के सबसे बड़े अध्ययन के मुताबिक टीकाकरण के बावजूद देश में कोरोना की दर करीब छह फीसदी के करीब है. इसका मतलब है कि देश में पूरी तरह से टीका लगाए गए 1,000लोगों में से 16लोगों को दोबारा हो सकता है.

एक व्यक्ति को टीके की दोनों खुराक प्राप्त करने के दो सप्ताह बाद ही पूर्ण टीकाकरण माना जाता है.

पीजीआई, चंडीगढ़ द्वारा सफलता संक्रमण की दर पर शोध किया गया है. यह शोध न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है.

कहा जाता है कि वैक्सीन की प्रभावशीलता पर दुनिया का सबसे बड़ा अध्ययन सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज द्वारा किया गया है.

फिलहाल अंतरिम नतीजे जारी कर दिए गए हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि अब तक किए गए सभी शोधों का नमूना दस लाख से भी कम था.

इसलिए हम इसे वैक्सीन की प्रभावशीलता पर दुनिया का सबसे बड़ा शोध मानते हैं.

कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका फॉर्मूलेशन का मेड इन इंडिया संस्करण है. यह भारत में कोविड 19वायरस के खिलाफ टीकाकरण में इस्तेमाल होने वाले सबसे बड़े टीकों में से एक है.

अध्ययन के नतीजों का जिक्र करते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि यह अध्ययन 15लाख से ज्यादा डॉक्टरों और फ्रंटलाइन वर्कर्स पर किया गया.

उन्होंने कहा कि जिन लोगों को कोविड शील्ड के टीके की दोनों खुराक दी गईं, उन्होंने 93प्रतिशत सुरक्षा दिखाई. डेल्टा के विभिन्न रूपों को कोरोना की दूसरी लहर के दौरान नष्ट होते देखा गया, यह अध्ययन उसी समय किया गया था.

भारत में टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 को हुई थी. जिसमें सबसे पहले अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया. इसके बाद 15.9 मिलियन श्रमिकों पर टीके के प्रभाव का अंतरिम विश्लेषण किया जाता है, जिन्हें 30 मई, 2021 तक टीका लगाया गया है.