कोविशील्ड वैक्सीन लेने के बाद लकवाग्रस्त व्यक्ति बोलने और चलने-फिरने लगा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 14-01-2022
दुलारचंद मुंडा
दुलारचंद मुंडा

 

बोकारो. यहां एक 55 वर्षीय व्यक्ति चार साल पहले एक दुर्घटना में लकवाग्रस्त हो गया था और अपनी आवाज खो चुका था. उसने बताया कि वह 4 जनवरी को कोविशील्ड लगवाने के बाद चलने और बोलने में सक्षम हो गया.

बोकारो के सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार ने कहा कि वह हैरान हैं और उन्होंने मामले के मेडिकल इतिहास का विश्लेषण करने के लिए एक मेडिकल टीम के गठन की मांग की है.

बोकारो के सलगडीह गांव के दुलारचंद मुंडा ने शुक्रवार को कहा, ‘यह वैक्सीन लेने से खुश है. 4 जनवरी को वैक्सीन लेने के बाद मैं अपने पैर हिला सकता हूं.’

दुलारचंद के परिवार के अनुसार, चार साल पहले एक दुर्घटना के बाद उनकी आवाज चली गई और उन्हें लकवा मार गया, लेकिन दुलारचंद ने दावा किया कि कोविड-19 वैक्सीन लेने के बाद उनके साथ चमत्कार हुआ.

दुलारचंद ने कहा, ‘मेरी आवाज वापस आ गई और मेरे पैर भी हिल रहे हैं.’ यह कहकर वह खुद अपने पैरों पर खड़ा हो गया और चल पड़ा.

स्वास्थ्य अधिकारी हैरान हैं. डॉ जितेंद्र कुमार ने कहा, ‘यह देखकर चकित हूं. लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा इसका पता लगाने की जरूरत है. अगर वह कुछ दिनों से अधिक की चिकित्सा स्थिति से ठीक हो जाते हैं, तो इसे समझा जा सकता है, लेकिन 4 साल की चिकित्सा स्थिति से अचानक ठीक हो जाना, टीका लेने के बाद अविश्वसनीय है.’

स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि यह शोध का विषय है.

पेटरवार स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी अल्बेल केरकेट्टा ने कहा, ‘सटीक जानकारी और जवाब आने वाले दिनों में उपलब्ध होंगे, जब चिकित्सा जगत दुलारचंद मुंडा की बीमारी और उनके ठीक होने पर शोध करेगा.’

दुलारचंद के परिवार के मुताबिक हादसे के बाद उनका इलाज हुआ, लेकिन उनके शरीर के अंग ने काम करना बंद कर दिया था. इसके साथ ही उनकी आवाज भी लड़खड़ाने लगी थी.

पेटारवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ अल्बेल केरकेट्टा ने बताया कि आंगनबाडी केंद्र की कार्यकर्ता ने चार जनवरी को दुलारचंद और उनके परिवार को टीका दिया. 5 जनवरी से दुलारचंद का बेजान शरीर हिलने लगा.

ग्राम शिक्षक राजू मुंडा ने कहा कि घटना किसी चमत्कार से कम नहीं है. उनके अनुसार, दुलारचंद का 4 लाख रुपये की लागत से इलाज चल रहा था, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, ‘तो फिर कोरोना वैक्सीन कैसे चमत्कार कर सकती है?’