ऑपरेशन ‘दस्तक’ : आज से 48 जिलों में घर-घर दी जाएगी कोरोना वैक्सीन

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 01-11-2021
ऑपरेशन ‘दस्तक’
ऑपरेशन ‘दस्तक’

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
 
लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए देश में बड़े पैमाने पर कोरोना टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 106 मिलियन से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं. अब केंद्र सरकार इस अभियान को गति देने के लिए राज्यों के साथ घर-घर जाकर अभियान चलाने जा रही है. इसकी शुरुआत 1 नवंबर से हो रही है. इसके तहत मेडिकल टीम घर-घर जाकर लोगों का टीकाकरण करेगी.
 
अभियान के तहत जिन लोगों को अभी तक कोरोना वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं मिली है या जिन्हें अभी तक दूसरी खुराक नहीं मिली है, उन्हें कोरोना वैक्सीन देने की जिम्मेदारी मेडिकल टीम की होगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मानसिक मंडोया ने हाल में कहा था कि खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में घर-घर जाकर सीओडी-19 के टीकाकरण के लिए घर-घर अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को खतरनाक वायरस के खिलाफ पूरी तरह से टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करना है.
 
विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान मांडविया ने कहा था कि किसी भी जिले को पूर्ण टीकाकरण के बिना नहीं छोड़ा जाना चाहिए.
 
उन्होंने कहा था कि खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में पूर्ण टीकाकरण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने और प्रेरित करने के लिए जल्द ही ‘दस्तक‘ अभियान शुरू किया जाएगा. लगभग 48 ऐसे जिलों की पहचान की गई है, जहां 50 प्रतिशत से भी कम लाभार्थियों को पहली खुराक मिली है.
 
3 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे. बैठक में टीकाकरण की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी उन 40 जिलों के डीएम के साथ भी बैठक करेंगे जहां कोरोना टीकाकरण की गति बेहद धीमी है. इनमें विशेष रूप से मणिपुर, झारखंड, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र के जिले शामिल हैं.
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा था कि भारत अगले साल के अंत तक वैक्सीन की पांच अरब खुराक का उत्पादन करने के लिए तैयार है. उन्होंने कोड -19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के सहयोग की भूमिका की ओर इशारा करते हुए यह टिप्पणी की थी.