रेशमा/अलीगढ़.
ऑपरेशन की वेटिंग के मामले में सिर्फ एम्स में ही कई-कई साल तक इंतजार नहीं करना होता है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज में भी ऑपरेशन के लिए 6 साल तक इंतजार करने की तारीख मिल रही है. बावजूद इसके देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग इलाज कराने के लिए एएमयू के इस मेडिकल कॉलेज में पहुंच रहे हैं.
कॉलेज का कॉर्डियक थैरेसिक सर्जरी डिपार्टमेंट 20 दिन से लेकर 18 साल तक के बच्चों की हॉर्ट सर्जरी कर रहा है. यूपी के तीन और शहरों में भी इस तरह की यूनिट बनाई गई हैं, लेकिन इस तरह की सर्जरी सिर्फ एएमयू की यही यूनिट कर रही है.
कॉर्डियक थैरेसिक सर्जरी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. आजम हसीन का कहना है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत यूपी के नोएडा, लखनऊ, बनारस और अलीगढ़ में यूनिट खोली गईं थीं.
अलीगढ़ में एएमयू के मेडिकल कॉलेज में 15 करोड़ की लागत से 2018 में यह यूनिट खोली गई थी. लेकिन अभी सिर्फ एएमयू में ही ऑपरेशन हो रहे हैं. हम 5 डॉक्टर की टीम ऑपरेशन करती है. इसके साथ ही काबिल नर्सिंग स्टॉफ भी है, जिसके चलते यह सब मुमकिन हो पाता है. एक महीने में हम कम से कम 40सर्जरी कर रहे हैं.
डॉ. आजम हसीन के अनुसार हम इससे ज्यादा भी कर ऑपरेशन सकते हैं, लेकिन टीम छोटी है. हमारी टीम में डॉ. साबिर अली, डॉ. शाद अबकरी, डॉ. मयंक यादव और डॉ. एसपी सिंह हैं. आज की तारीख में हमारे पास यूपी ही नहीं दिल्ली-एनसीआर समेत दूसरे राज्यों से भी बच्चे ऑपरेशन के लिए आ रहे हैं.
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम यूपी सरकार का है. इसलिए यूपी के तमाम जिलों से डॉक्टर बच्चों को एएमयू के लिए रैफर कर रहे हैं. यूपी के बच्चों का फ्री में ऑपरेशन होता है. जबकि दूसरे राज्यों से आने वाले बच्चों और बड़ों का ऑपरेशन बहुत ही मामूली खर्च पर हो रहा है. दिल में छेद, खून की नसें सिकुड़ना, रुकावट आना आदि बीमारियों का इलाज एएमयू मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है.