आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
रमजान के दौरान, कई लोग अपच, पेट और पेट में दर्द और मतली से पीड़ित हो सकते हैं. यह सहरी और इफ्तार के दौरान लापरवाही से खाने के कारण होता है.इफ्तार के बाद मीठा खाने से शरीर में चर्बी की मात्रा दोगुनी हो जाती है.एक रिपोर्ट के मुताबिक, हफ्ते में ज्यादा से ज्यादा एक या दो बार मीठा खाना बेहतर है. चिकित्सा विशेषज्ञ इस संबंध में विशेष सावधानी बरतने का आग्रह करते हैं.
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह के भोजन के दौरान अधिक पानी पीने से किडनी दोगुनी मेहनत करने पर मजबूर हो जाती है. पेशाब को बढ़ाता है और दिन में प्यास भी बढ़ाता है. पानी को धीरे-धीरे और कम मात्रा में पीने की भी सलाह दी जाती है.
इसी तरह ताजा सलाद एक ऐसी चीज है जिसके कई फायदे होते हैं. यह विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है. ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज कर जंक फूड खाते हैं.इफ्तार के तुरंत बाद चाय और कॉफी पीने से भोजन से कैल्शियम और आयरन के अवशोषण में बाधा आती है. खाने के बाद चाय को कम से कम दो घंटे के लिए स्थगित करना सबसे अच्छा है.
वसा और स्टार्च से भरपूर अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के अत्यधिक सेवन से वजन बढ़ सकता है.विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि लंबे रोजे के बाद शरीर को खाना खाने के लिए तैयार रहना चाहिए और फिर रात का खाना खाना चाहिए. पहले कुछ खजूर खा लें. फिर सूप या नाश्ता करें.
इफ्तार के दौरान ठंडा पानी पीने से आंतों और पेट में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है और पेट दर्द और अपच का कारण बनता है.इसी तरह देखा गया है कि रमजान में ज्यादातर लोग फलों को नजरअंदाज कर मिठाई या मसाले, मिर्च ,नमकीन और अचार आदि खाना पसंद करते हैं. ये ऐसी चीजें हैं जो प्यास की भावना को दोगुना कर देती है.
इसी तरह एक बात याद रखनी है कि इफ्तार के बाद सोने से बचना चाहिए क्योंकि इफ्तार के बाद सोने से शरीर का वजन अधिक होता है और गतिशीलता की कमी से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.