कोरोना: एक साल बाद मौत का खतरा दोगुने से ज्यादा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
कोरोना: एक साल बाद मौत का खतरा दोगुने से ज्यादा
कोरोना: एक साल बाद मौत का खतरा दोगुने से ज्यादा

 

न्यूयॉर्क. एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग गंभीर कोविड -19 संक्रमण से बचे हैं, उनकी तुलना में हल्के और मध्यम लक्षण वाले लोगों में अगले वर्ष में मौत का खतरा दोगुने से अधिक हो सकता है.

 
जर्नल फ्रंटियर्स इन मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि 65 वर्ष से कम उम्र के रोगियों के लिए मृत्यु का जोखिम अधिक है.
 
अमेरिका में फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकतार्ओं ने पाया कि 65 वर्ष से कम आयु के गंभीर कोविड -19 रोगियों में असंक्रमित की तुलना में मरने की संभावना 233 प्रतिशत बढ़ी है.
 
गंभीर कोविड -19 से बचे लोगों की 80 प्रतिशत मौतें श्वसन या हृदय संबंधी समस्या से होने वाली सामान्य जटिलताओं से जुड़ी नहीं थीं. शोधकतार्ओं ने कहा कि इससे पता चलता है कि रोगियों ने अपने स्वास्थ्य में समग्र गिरावट का अनुभव किया है, जिससे वे विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ गए हैं.
 
हल्के और मध्यम कोविड -19 रोगियों में असंक्रमित की तुलना में मृत्यु दर में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है, जो टीकाकरण के माध्यम से गंभीर बीमारी की संभावना को कम करने के महत्व को उजागर करता है.
 
अध्ययन के लिए, टीम ने 13,638 रोगियों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड को ट्रैक किया था, जिन्होंने कोविड -19 के लिए एक पीसीआर परीक्षण कराया था, जिसमें 178 रोगियों ने गंभीर कोविड -19 लक्षण दिखाए थे, 246 हल्के और मध्यम कोविड -19 लक्षण दिखाए थे और बाकी के परीक्षण नकारात्मक थे. अध्ययन में शामिल सभी मरीज बीमारी से ठीक हो गए, और शोधकर्ता अगले 12 महीनों तक उनके परिणामों पर नजर रखेंगे.