आवाज- द वॉयस/ एजेंसी
कोरोना की पिछली दो लहरें झेल गए पश्चिम बंगाल के लिए तीसरी लहर बेकाबू होती नजर आ रही है. बंगाल में तो कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान चुनाव भी हुए थे, पर अब स्थिति हाथ से बाहर निकलती नजर आ रही है.
पश्चिम बंगाल में पिछले सात दिनों में 73,000 से अधिक कोविड -19 संक्रमण के नए मामले दर्ज किए जाने के साथ, ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पश्चिम बंगाल सरकार मामलों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए पूर्ण लॉकडाउन लागू कर सकती है. शुक्रवार को, राज्य में 18,213 नए मामले दर्ज किए गए, जो 14 मई, 2021 (20,836) को दर्ज किए गए मामलों के आसपास है. उस दिन को सूबे में सबसे अधिक मामलों वाले दिन के रूप में जाना जाता है.
विशेषज्ञों की राय है कि अगर ट्रांसमिशन चेन को तुरंत नहीं तोड़ा गया तो दैनिक मामलों की संख्या एक दो दिनों के भीतर रिकॉर्ड तोड़ सकती है. गौरतलब है कि 1 जनवरी को पश्चिम बंगाल में केवल 4,512 कोरोना संक्रमण के मामले थे, लेकिन अगले सात दिनों में, कुल आंकड़ा 73,412 हो गया.
अब तक स्थानीय प्रशासन ने 48 माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किए हैं.
हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार पूर्ण लॉकडााउन के खिलाफ है क्योंकि इससे आम लोगों का जीवन प्रभावित होता है, लेकिन हाल ही में, उन्होंने संकेत दिया कि राज्य सरकार सख्त प्रतिबंधों पर विचार कर रही है. न केवल कोलकाता और उसके आस-पास के इलाकों में, बल्कि स्थानीय प्रशासन ने कई अन्य क्षेत्रों में आंशिक रूप से तालाबंदी कर दी है.
दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली, जलपाईगुड़ी, नदिया और उत्तर 24 परगना के स्थानीय प्रशासन ने सप्ताह में तीन दिन लॉकडाउन की घोषणा की है.
एक अधिकारी ने कहा, "वर्तमान में हमने मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को पूर्ण तालाबंदी जारी रखने का फैसला किया है और अगले सात दिनों तक स्थिति का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करेंगे. यदि नए मामलों की संख्या में कमी नहीं आती है, तो हम इसे और अधिक सख्ती से लागू करने के बारे में सोच सकते हैं."