आवाज - द वॉयस/ नई दिल्ली
देश में कोरोना को लेकर स्थिति गंभीर हो गई है. पिछले चैबीस घंटे में कोविड-19 के रिकार्ड तोड़ दो लाख से अधिक मामले दर्ज किए. इस महारोग ने कई राज्यों को बुरी तरह अपने लपेटे में ले लिया है. इसके चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है. ऐसे में डॉक्टरों ने बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल और असाधारण प्रतिक्रिया अपनाने की सलाह दी है.
देश के प्रसिद्ध हृदयरोग विषेषज्ञ नरेश त्रेहन ने कहा, ‘‘वायरस के इस नए रूप को जवाब देने का एक ही मजबूत तरीका है कि तुरंत लॉकडाउन लगा दिया जाए.‘‘ उन्होंने कहा कि इससे महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों को उचित कदम उठाने में सहूलयत होगी.‘‘
त्रेहान देश के चर्चित मेदांता अस्पताल श्रृंखला के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि स्थिति और खराब होती जा रही है. वायरस दोगुनी गति से प्रसार कर रहा है. चिकित्सा बिरादरी अचंभित है.
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत विनाशकारी है. प्रत्येक दिन मामलों की संख्या तेज बढ़ रही है. पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों में अंतर है. लगभग दोगुना का अंतर है. उन्होंने कहा कि हमें टीकाकरण अभियान में और तेजी लानी होगी.
उल्लेखनीय है कि पिछले चौबीस घंटे में पहली बार देश में दो लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. मृतकों की संख्या भी रिकार्डतोड़ है. महाराष्ट्र,उत्तर प्रदेश. छत्तीसगढ., पंजाब, दिल्ली आदि में संकट गहरा गया है. इस बीच, नरेश त्रेहन ने कहा कि वायरस के प्रसार का पता लगाने के लिए परीक्षण को बढ़ाना होगा. साथ ही सभी को सतर्क रहने की जरूरत है. मास्क पहनना बहुत जरूरी है. यह कहना सरल है, लेकिन जमीन पर लागू करना कठिन है. विशेष रूप से छोटे शहरों में.
लखनऊ के प्रसिद्ध किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज ने भी कोरोना के नए संस्करण को खतरनाक बताया है. भारतीय चिकित्सक और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष के.के. अग्रवाल ने कहा, ‘‘पंजाब में 45 साल से कम उम्र के युवाओं को कोरोना प्रभावित कर रहा है. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और महाराष्ट्र में इस उम्र के लोग प्रभावित हो रहे हैं.
उन्होंने महामारी की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए देश में पूर्ण तालाबंदी की बजाए क्षेत्रवार कदम उठाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ‘‘पूर्ण लॉकडाउन व्यावहारिक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हमने वास्तव में पर्याप्त समय खो दिया है. हमें अब इस पर ध्यान केंद्रित करना है कि स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे बेहतर किया जाए.
उन्होंने सुझाव दिया कि लोग लक्षण देखते ही इलाज कराना शुरू कर दें. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के शीर्ष रेडियोलॉजिस्ट संदीप शर्मा ने कहा, ‘‘पिछले एक पखवाड़े से युवा प्रभावित हो रहे हैं.‘‘ बुधवार को कोरोना का पता लगाने के लिए उन्होंने 15 लोगों के सीने का सीटी स्कैन किया था. उनमें से केवल एक रोगी 60 वर्ष का था. बाकी 40 से 22 वर्ष की आयु के थे.