बच्चों में गंभीर कोविड रोग विकसित होने की संभावना नहीं है : एनटीएजीआई प्रमुख

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 31-01-2022
एन.के. अरोड़ा
एन.के. अरोड़ा

 

नई दिल्ली. भारत में कोविड टीकाकरण को लेकर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष एन.के. अरोड़ा ने सोमवार को कहा, बच्चे भी उतने ही संवेदनशील होते हैं जितने कि वयस्क लोग. उनमें भी कोविड-19 रोग होने की संभावना है, लेकिन उनमें गंभीर कोविड रोग विकसित होने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा, "कुछ बच्चों को बुखार होता है, जिनका तापमान 103 डिग्री तक जा सकता है. कुछ को गैस्ट्रिक लक्षणों का भी सामना करना पड़ता है. आमतौर पर, ये लक्षण 4-5 दिनों तक रहते हैं, जो बाद में ठीक हो जाते हैं."

 
बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की दर के अनुपात पर, प्रवीण कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, बाल रोग, लेडी हाडिर्ंग मेडिकल इंस्टीट्यूट, ने कहा, "पिछले कुछ हफ्तों में, हमने उन बच्चों को भर्ती कराया है जिन्हें ट्यूबरक्लोसिस, ल्यूकेमिया, न्यूरोलॉजिकल और लीवर से संबंधित बीमारियां हैं. इस दौरान जब सभी का कोविड परीक्षण कराया गया तो वे उससे संक्रमित पाए गए थे. उन्हें मुख्य रूप से अन्य बीमारियों के लिए भर्ती कराया गया था, न कि कोविड-19 के लिए."
 
डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर बच्चों को बुखार के लिए केवल पैरासिटामोल जैसी दवाइयों की आवश्यकता होती है. भाप को अंदर लेना रोग से राहत दिलाने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि अगर इस दवा से वे ठीक नहीं होते हैं, तो अन्य दवाएं केवल चिकित्सकीय देखरेख में बच्चों को दी जानी चाहिए.
 
डॉक्टरों का मानना है कि बच्चों के लिए शरीर के सीटी स्कैन जैसे परीक्षणों की कोई आवश्यकता नहीं है.
 
कुमार कहते हैं, "मैं सलाह देता हूं कि अगर बच्चे में कोविड-19 के कुछ लक्षण दिखें तो माता-पिता को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, ताकि डॉक्टर आवश्यक जांच और उपचार की सलाह दे सकें, जो हर रोग में अलग-अलग हो सकते हैं."
 
उन्होंने कहा, "कुछ मामलों में, बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता हो सकती है. यदि किसी बच्चे को तीन दिनों से अधिक समय तक लगातार बुखार आ रहा है, अगर उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही है, उसके होंठ नीले हैं, त्वचा पर चकत्ते हैं, अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं, तो बच्चे के परिजनों को तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए." जैसा कि कई विशेषज्ञों ने कहा है कि अधिकांश कोविड-पॉजिटिव बच्चों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं.
 
इस बीच, माता-पिता ने सरकार से स्कूलों को फिर से खोलने का आग्रह किया है.
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी कोविड प्रोटोकॉल के साथ स्कूलों को फिर से खोलने के लिए एक राष्ट्रीय योजना पर काम कर रहा है क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल सबसे लंबे समय तक बंद रहे हैं.
 
नए संक्रमित मामलों के कम होने के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड प्रोटोकॉल के साथ स्कूलों को फिर से खोलने के लिए सलाह जारी करने की संभावना है.
 
मई 2020 में यूनिसेफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एक तिहाई प्राथमिक विद्यालयों के माता-पिता और माध्यमिक विद्यालय के आधे बच्चों ने कहा कि स्कूल से दूर रहने से उनके बच्चों की मानसिकता पर प्रभाव पड़ा है.