आवाज द वॉयस नई दिल्ली
मांस मानव आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो प्रोटीन सहित कई खनिज प्रदान करता है.ईद अल-अजहा के अवसर पर लाल मांस (बीफ, बकरी का मांस) के अत्यधिक सेवन से कई बीमारियां हो सकती हैं.
इसलिए जानकारों के मुताबिक सेहत में संतुलन बनाए रखने के लिए खान-पान में संतुलन रखना जरूरी है. अन्यथा आपका ईद-उल-अजहा का दिन बिगड़ सकता है. ऐसे मौके पर विशेषज्ञ सब्जियों, फलों और दालों के उपयोग पर जोर देते हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार मांस का प्रयोग तो जरूरी है, लेकिन अति प्रयोग से होने वाले खतरनाक नुकसानों के बारे में भी जानना जरूरी है.मांस के कठोर रेशों को पचाने के लिए हमारे पाचन तंत्र को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इससे सीने और पेट में जलन और भारीपन हो सकता है.
मांस खाने से धमनियां सख्त हो जाती हैं. रक्त गाढ़ा होने के कारण हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक बल खर्च करना पड़ता है, जिससे यह दबाव में आ जाता है. ऐसे में अचानक दिल का दौरा सहित विभिन्न हृदय रोग हो सकते हैं.
रेड मीट रक्त वाहिकाओं को सख्त कर देता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट हो सकती है. इस प्रक्रिया से स्ट्रोक, दिल का दौरा या मस्तिष्क की धमनियों का टूटना हो सकता ह.
सब्जियां कभी भी किसी व्यक्ति के लिए फूड प्वाइजनिंग का कारण नहीं बनतीं. इसके विपरीत, अनुचित तरीके से साफ किया गया मांस या कुछ दिनों का मीट डिश तुरंत फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है.
सप्ताह में 2 से 3 बार मांस खाने से वजन को सामान्य रखना असंभव है. मांस का अत्यधिक सेवन वजन कम करने के सभी प्रयासों को विफल कर सकता है. मांस में आयरन की मात्रा अधिक होती है. आयरन की अधिकता से आपको विभिन्न मानसिक बीमारियों, विशेष रूप से अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है.