मिसाल-बेमिसालः अकेले एक लाख लोगों का कोविड टीकाकरण करने वाली असम की रूपजान बेगम

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 13-03-2022
असम की रूपजान बेगम
असम की रूपजान बेगम

 

दौलत रहमान/ गुवाहाटी

रूपजान बेगम, एक एएनएम (सहायक नर्सिंग मिडवाइफर) हैं. उन्होंने अकेले एक लाख लोगों का कोविड-19टीकाकरण किया है. अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए उन्होंने असम के दूरस्थ और कठिन क्षेत्रों में मदरसों, स्कूलों, पुलिस स्टेशनों, झुग्गियों, आवासीय क्षेत्रों, मस्जिदों और ईदगाहों का दौरा किया है.

उसका काम आसान नहीं था क्योंकि उसे हजारों शत्रुतापूर्ण व्यक्तियों का सामना करना पड़ा, जिन्होंने विभिन्न आधारों पर कोविड के टीकों की खुराक लेने से इनकार कर दिया. लेकिन उसने हार नहीं मानी. आज, रूपजान को एक लाख से अधिक व्यक्तियों को अकेले ही कोविड टीके की खुराक देने का श्रेय दिया जाता है.

रूपजान को हाल ही में भारत के राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए स्थापित सर्वश्रेष्ठ वैक्सीनेटर का पुरस्कार मिला है. वह पांडु एफआरयू (प्रथम रेफरल यूनिट) में एक एएनएम हैं, जिन्होंने हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार से पुरस्कार प्राप्त किया. 8मार्च, 2022को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पुरस्कार दिए गए.

देश में कोविड टीकाकरण की शुरुआत 2021में सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के टीकाकरण के साथ हुई थी. समय के साथ कार्यक्रम का विस्तार किया गया, जिसमें फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं, 60वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों, 45वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों और अंततः 18वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों का टीकाकरण शामिल किया गया. फरवरी, 2022तक रूपजान ने 1,00,2680व्यक्तियों को टीकाकरण किया है.

रूपजान कहती हैं, “मुस्लिम व्यक्तियों का एक बड़ा वर्ग (पुरुष और महिला दोनों) शुरू में वैक्सीन की खुराक नहीं लेने पर अड़े थे. उन्हें गलतफहमी थी और उन्होंने माना कि कोविड के टीके संतानहीनता, शारीरिक कमजोरी और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण हो सकते हैं. गलत धारणा को दूर करने और इन लोगों को टीकों की प्रभावकारिता के बारे में समझाने में पूरा समय लगा.”

रूपजान ने कामरूप मेट्रो जिले के गरीगांव में दारूल उलूम मदरसा में धार्मिक नेताओं, शिक्षकों और आम जनता के साथ कई बैठकें कीं ताकि प्रत्येक मुस्लिम परिवार को कोविड के टीके लेने के लिए मनाया जा सके. टीकाकरण अभियान के चरम के दौरान रूपजान ने हजारों लाभार्थियों को कोविड के टीके लगाने के लिए अपने निर्धारित काम के घंटों से परे काम किया था. उन्होंने 2अक्टूबर 2021को एक ही दिन में अपने हाथों से 670लोगों का टीकाकरण किया था.

रूपजान ने कहती हैं,“भले ही यह शुरू में कठिन था, गरीब और अनपढ़ लोगों सहित लोग टीके लेने की आवश्यकता को समझ गए हैं. मैं बचपन से ही नर्स बनना चाहती थी. एक सफल नर्स बनना आसान नहीं है. आपको लोगों की सेवा करने के लिए बहुत धैर्य रखना होगा. मुझे लगता है कि सर्वशक्तिमान अल्लाह ने मुझमें धैर्य रखने का गुण दिया है. इसलिए इसने मुझे सभी बाधाओं को दूर करने में मदद की है.”

रूपजान बेगम ने 1996में मंगलदाई सिविल अस्पताल से एएनएम नर्सिंग कोर्स पूरा किया. वह 2008से कामरूप शहर जिले के पांडु एफआरयू में एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं. कोविड टीकाकरण के अलावा रूपजान ने अब तक कई अन्य टीकाकरण कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू करने में विशेष भूमिका निभाई है.

कुछ साल पहले, राज्य के स्वास्थ्य विभाग को वयस्कों के लिए जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान चलाने में बाधाओं का सामना करना पड़ा था. उस स्थिति में रूपजान ने जापानी इंसेफेलाइटिस के खिलाफ वयस्कों के बीच टीकाकरण अभियान के सफल कार्यान्वयन में राज्य के स्वास्थ्य विभाग की मदद की थी.

दो बच्चों की मां रूपजान कहती हैं कि स्वास्थ्य सेवा ही मानव सेवा है. यह सेवा सुबह 10बजे से शाम 5बजे तक किए गए काम की तरह नहीं हो सकती. कोविड टीकाकरण के दौरान रूपजान ने कई कैंसर रोगियों की भी सेवा की, जो वृद्धावस्था के कारण बहुत कमजोर थे.

रूपजान के साथ-साथ असम की दीपाली साहा ने भी इस साल केंद्र सरकार की ओर से बेस्ट इम्युनाइजेशन का अवॉर्ड जीता है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत दो स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाओं पर प्रसन्न हुए और कहा कि रूपजान और दीपाली स्टे से कोविद के उन्मूलन में दो सबसे मजबूत हथियार हैं.

जिला टीकाकरण अधिकारी भाभेंद्र कुमार दास, प्रोग्राम मैनेजर हेमंग वैश्य और डेटा मैनेजर हाशिम अली का आभार व्यक्त करते हुए रूपजान बेगम ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार की मान्यता उन्हें भविष्य में और टीकाकरण में संलग्न करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. जैसा कि केंद्र सरकार 15वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण की योजना बना रही है, रूपजान बड़ी संख्या में बच्चों को टीका लगाने का अवसर लेने के लिए खुद को समर्पित करेंगे.

सैकड़ों लोग रूपजान बेगम के पास वैक्सीन की खुराक लेने के लिए आते हैं, यह सोचकर कि उनके हाथों में जादू है. बेगम ने कहा, "अगर लोग सोचते हैं कि मेरे हाथों में जादू है, तो यह भगवान का आशीर्वाद है."