कोरोना से रक्षा और गुमशुदा बच्चों को ट्रैक करेगा स्कूल बैग

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
वाराणसी के छात्र ने बनाया एंटी-कोरोना स्कूल बैग
वाराणसी के छात्र ने बनाया एंटी-कोरोना स्कूल बैग

 

आवाज- द वॉयस/ वाराणसी

देशभऱ में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं और इस दूसरी लहर में संक्रमण की संख्या बहुत अधिक है. कोविड 19 के संक्रमण के तेज प्रसार की वजह से बहुत सारे राज्यों में स्कूल-कॉलेज बंद होने लगे हैं.

लेकिन, ऐसी ही परिस्थितियों में कई छात्रों ने बेहतरीन इनोवेशन भी किया है. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 11वीं में पढ़ने वाले छात्र पुष्कर सिंह ने एक ऐसा बैग बनाया है जो न सिर्फ बच्चों को कोरोना के संक्रमण के कहर से बचाएगा, बल्कि बच्चों के खो जाने पर इसके माध्यम से उसके परिवार और पुलिस की मदद करने में सहायक होगा.

वाराणसी के आर्यन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले पुष्कर कहते हैं, "कोरोना के बढ़ रहे केसों को देखते हुए मैंने एक एंटी कोरोना स्मार्ट बैग का इजाद किया है. यह स्कूल बैग सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो कराने के साथ ही बच्चों के गुम हो जाने पर भी काम करेगा. यह स्कूल बैग वायरस से बचाव में 2 गज की दूरी बनाने में स्कूल कैंपस और आस-पास के इलाकों को अलर्ट करेगा."

इस डिवाइस बैग के आगे- पीछे 2 अल्ट्रासोनिक सेंसर लगाये गये हैं. बैग को पीठ पर टांगते ही यह सेंसर एक्टिव हो जाएंगे. सेंसर एक्टिव होते ही आपके दाएं-बाये दो मीटर के दायरे में आपके नजदीक आने वाले व्यक्ति देखते ही यह अलार्म बजाने लगेगा. जिससे आप सचेत हो जाएंगे. इसके अलावा इसमें एक खास किस्म का बार कोड लगा है, जिसमें बच्चें पिता का नाम, पता और मोबाइल नंबर होगा. यदि आपका बच्चा कहीं खो जाता है. तो उसे इसके जारिए घर पहुंचाने में आसानी होगी.
पुष्कर को इसे बनाने में एक सप्ताह का समय लगा है. इसकी लागत करीब 2000रुपएहै. इसमें ऑर्डिनो, अल्ट्रासोनिक सेंसर, 3.7 वोल्ट बैटरी, अलार्म, पुस स्विचऔरबार कोड का इस्तेमाल किया गया है.

आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन विनीत चोपड़ा बताते हैं पुष्कर का बनाया एंटी-कोरोना बैग सोशल डिस्टेंसिंग के लिहाज से मुफीद है. उन्होंने इस बैग की तकनीक को पूरे प्रदेश में इस्तेमाल करने के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है.

गोरखपुर के क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र के वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय कहते हैं, "यह तकनीक बच्चों की सुरक्षा और रक्षा करेगी. यह सेंसर बेस तकनीक स्कूलों और कालेजों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.