नासा का मंगल रोवर 18 फरवरी को उतरेगा जेजेरो क्रेटर पर

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  AVT | Date 17-02-2021
नासा के मंगल अभियान का चित्रण
नासा के मंगल अभियान का चित्रण

 

 

वाशिंगटन. नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के इंजीनियरों ने पुष्टि की है कि मार्स 2020 पर्सियवरेंस मिशन सही तरीके से चल रहा है और इसका लक्ष्य 18 फरवरी को लगभग दोपहर 3.55 बजे जेजेरो क्रेटर पर पहुंचने का है.

नासा में साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बुचेन ने मंगलवार को कहा, “पर्सिवरेंस नासा का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मंगल रोवर मिशन है. यह मिशन इस बात का पता लगाने के लिए है कि क्या मंगल पर पहले कभी जीवन था या नहीं. इस सवाल का जवाब हमें उस लैंडिंग टीम से मिलेंगे, जो हमें जजेरो क्रेटर तक ले जाएगी.”

जेजेरो एक बेसिन है और वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां एक प्राचीन नदी बहती थी और उसकी गाद वहां जमा है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां के वातावरण में जीवन होने के सबूत संरक्षित हो सकते हैं. वैसे मंगल पर लैंडिंग करना बहुत मुश्किल है क्योंकि अतीत में किए गए ऐसे प्रयासों में ये बमुश्किल आधे प्रयास ही सफल हुए हैं. लिहाजा पर्सिवरेंस टीम पुराने प्रयासों से सीखने की कोशिश कर रही है, साथ ही स्पेसक्रॉफ्ट में ऐसी नई टेक्न ॉलॉजी का उपयोग कर रही है, जो उसे लैंडिंग साइट पर सटीकता से लैंडिंग करने में मददगार हो.

जेपीएलओ में इस मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर जेनिफर ट्रॉस्पर ने कहा, “पर्सिवरेंस टीम जजेरो क्रेटर पर उतरने के लिए जरूरी जटिल कोरियोग्राफी पर काम कर रही है. मंगल पर लैंड करने की गारंटी नहीं ली जा सकती है, लेकिन हम इस रोवर के पहियों को मंगल की सतह छूने के लिए 10साल से तैयारी कर रहे हैं.”

लोग इस ऐतिहासिक लैंडिंग को नासा टीवी पर लाइव देख सकते हैं.